"संयुक्त राज्य संविधान": अवतरणों में अंतर

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*5. '''संविधान संशोधन में राज्यों की भूमिका''' : राज्यों को पर्याप्त महत्व देने हुए कानून के निर्माण में उनकी सहभागिता को महत्व देना जरूरी था। अतः संविधान संशोधन प्रक्रिया में यह प्रावधान किया गया कि प्रत्येक सदन के दो/तिहाई मतों के आधार पर कांग्रेस संविधान में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकेगी या राज्यों की कुल संख्या में से दो तिहाई राज्यों की विधायिका में से आवेदन प्राप्त होने पर संशोधन प्रस्तावित करने के लिए सम्मेलन बुलाएगी।
 
*6. '''राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना''' : राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को वाणिज्यिक सौदागरों के चंगुल से मुक्त कर एक स्वतंत्र आर्थिक नीति का निर्माण करना जरूरी था। अतः सिक्के ढालने, सरकारी नोट जारी करने, विदेशों के साथ ऋण प्राप्त करने तथा ऋणों का भुगतान करने आदि से संबंधित अधिकार संघ को दिए गए।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==