"रामचन्द्र शुक्ल": अवतरणों में अंतर
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शुक्ल जी की कृतियाँ तीन प्रकार की हैं।
तीन प्रकार की हैं-- ** निबंधात्मक ग्रंथ : उनके निबंध [[चिंतामणि]] नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं। चिंतामणि के निबन्धों के अतिरिक्त शुक्लजी ने कुछ अन्य निबन्ध भी लिखे हैं, जिनमें [[मित्रता]], [[अध्ययन]] आदि निबन्ध सामान्य विषयों पर लिखे गये निबन्ध हैं। मित्रता निबन्ध जीवनोपयोगी विषय पर लिखा गया उच्चकोटि का निबन्ध है जिसमें शुक्लजी की लेखन शैली गत विशेषतायें झलकती हैं। क्रोध निबन्ध में उन्होंने सामाजिक जीवन में क्रोध का क्या महत्व है, क्रोधी की मानसिकता-जैसै समबन्धित पेहलुओ का विश्लेश्ण किया है। ▼
** ऐतिहासिक ग्रंथ : [[हिंदी साहित्य का इतिहास]] उनका अनूठा ऐतिहासिक ग्रंथ है।▼
शुक्ल जी की अनूदित कृतियां कई हैं। 'शशांक' उनका [[बंगला]] से अनुवादित [[उपन्यास]] है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अंग्रेज़ी से [[विश्वप्रपंच]], आदर्श जीवन, मेगस्थनीज का भारतवर्षीय वर्णन, कल्पना का आनंद आदि रचनाओं का अनुवाद किया।▼
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संपादित ग्रंथों में [[हिंदी शब्दसागर]], [[नागरी प्रचारिणी पत्रिका]], [[भ्रमरगीत सार]]<ref>{{Cite |author=आचार्य रामचंद्र शुक्ल|title=भ्रमर गीत सार|publisher=विश्वविद्यालय प्रकाशन|date=०५ मार्च २००७}}</ref>, सूर, तुलसी जायसी ग्रंथावली उल्लेखनीय है।▼
===अनूदित कृतियाँ===
▲शुक्ल जी की अनूदित कृतियां कई हैं। 'शशांक' उनका [[बंगला]] से अनुवादित [[उपन्यास]] है। इसके अतिरिक्त उन्होंने
===सम्पादित कृतियाँ===
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== वर्ण्य विषय ==
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