"समयसार": अवतरणों में अंतर
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'''समयसार''', [[आचार्य कुन्दकुन्द]] द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके दस अध्यायों में [[जीव]] की प्रकृति, [[कर्म]] बन्धन, तथा [[मोक्ष]] की चर्चा की गयी है।
यह ग्रंथ दो-दो पंक्तियों से बनी
इन नौ अध्यायों में प्रवेश करने से पहले एक आमुख है जिसे वे '''पूर्वरंग''' कहते हैं।
वर्तमान में समयसार ग्रन्थ पर दो
==सन्दर्भ==
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