"ग्रीनहाउस गैस": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Greenhouse Gas by Sector.png|thumb|350px|right|वैश्विक एन्थ्रोपोजेनिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन आठ विभिन्न क्षेत्रों से, वर्ष २००० में]]
'''ग्रीन हाउस गैसें''' ग्रह के वातावरण या जलवायु में परिवर्तन और अंततः [[भूमंडलीय ऊष्मीकरण]] के लिए उत्तरदायी होती हैं।<ref name="भास्कर">[http://www.bhaskar.com/2007/12/06/0712060239_greenhouse_gasse.html ग्रीन हाउस गैसों का गहराता साया]। दैनिक भास्कर।{{हिन्दी चिह्न}}।[[६ दिसंबर]], [[२००७]]। एनएन सच्चिदानंद</ref><ref name="मेरा आई">[http://forverification.blogspot.com/2009/06/blog-post_9186.html बचाएं अपनी पृथ्वी को]।[[मेरा आई।[[२३ जून]], [[२००९]]।{{हिन्दी चिह्न}}</ref> इनमें सबसे ज्यादा उत्सर्जन [[कार्बन डाई आक्साइड]], [[नाइट्रस आक्साइड]], [[मीथेन]], [[क्लोरो-फ्लोरो कार्बन]], वाष्प, [[ओजोन]] आदि करती हैं।<ref name="मेरा आई"/> कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन पिछले १०-१५ सालों में ४० गुनागुणा बढ़ गया है। दूसरे शब्दों में औद्यौगिकीकरण के बाद से इसमें १०० गुणेगुणा की बढ़ोत्तरी हुई है। इन गैसों का उत्सर्जन आम प्रयोग के उपकरणों [[वातानुकूलक]], फ्रिज, [[कंप्यूटर]], स्कूटर, [[कार]] आदि से होता है। कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत [[पेट्रोलियम]] [[ईंधन]] और परंपरागत चूल्हे हैं।<ref name="भास्कर"/><ref name="मेरा आई"/>
 
पशुपालन से [[मीथेन]] का उत्सर्जन होता है। [[कोयला]] बिजली घर भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के प्रमुख स्रोत हैं। हालांकिहालाँकि क्लोरोफ्लोरो का प्रयोग भारत में बंद हो चुका है, लेकिन इसके स्थान पर प्रयोग हो रही गैस हाइड्रो [[क्लोरो-फ्लोरो कार्बन]] सबसे हानिकारक ग्रीन हाउस गैस है जो कार्बन डाई आक्साइड की तुलना में एक हजार गुना ज्यादा हानिकारक है।
 
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कार्बन डाई आक्साइड गैस तापमान बढ़ाती है।<ref>[http://thatshindi.oneindia.in/news/2008/04/03/2008040302868000.html ग्रीन हाउस गैस ही है जलवायु परिवर्तन का कारण]। दैट्स हिन्दी।{{हिन्दी चिह्न}}।[[३ अप्रैल]], [[२००८]]।</ref> उदाहरण के लिए वीनस यानी [[शुक्र]] ग्रह पर ९७.५ प्रतिशत कार्बन डाई आक्साइड है जिस कारण उसकी सतह का [[तापमान]] ४६७ डिग्री [[सेल्सियस]] है। ऐसे में पृथ्वीवासियों के लिए राहत की बात यह है कि धरती पर उत्सर्जित होने वाली ४० प्रतिशत कार्बन डाई आक्साइड को पेड़-पौधे सोख लेते हैं और बदले में [[ऑक्सीजन]] उत्सर्जन करते हैं। वातावरण में ग्रीन हाऊस गैसें ऊष्म [[अधोरक्त]] (''थर्मल इंफ्रारेड रेंज'') के विकिरण का अवशोषण और उत्सजर्न करती है। सौर मंडल में [[शुक्र]], [[मंगल]] और [[टाइटन]] में ऐसी गैसें पाई जाती हैं जिसकी वजह से [[ग्रीन हाऊस प्रभाव]] होता है।<ref name="मेरा आई"/><ref>[http://www.mithilalive.com/News/articleshow/mln1ju/1july2008/cmssamachar_01301001.htm ऐसे बचायें पृथ्वी को]। मिथिला लाइव।{{हिन्दी चिह्न}}</ref>
 
विश्व बैंक ने [[१५ सितंबर]], [[२००९]] को वर्ष २०१० विश्व विकास रिपोर्ट विकास व जलवायु बदलाव जारी की एक रिपोर्ट में विकसित देशों को ग्रीस हाउस गैस का उत्सर्जन घटाने और विकासशील देशों को संबंधित धनराशि व तकनीकी सहायता प्रदान करने को कहा है। जलवायु परिवर्तन के पूरे समाधान के लिए भावी कई दशकों में विश्व ऊर्जा ढांचेढाँचे में बदलाव लाना पड़ेगा। रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि वर्तमान वित्तीय संकट के बीच जलवायु परिवर्तन सवाल की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।<ref>[http://hindi.cri.cn/421/2009/09/16/1s99817.htm विश्व बैंक ने विकसित देशों से ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम करने का वचन मजबूत बनाने का अनुरोध किया]।[[१६ सितंबर]], [[२००९]]। चायना रेडियो इंटरनेशनल।{{हिन्दी चिह्न}}</ref>
 
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