"तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
[[चित्र:Tirumala Venkateswara temple entrance 09062015.JPG|thumb|मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार- गोपुरम]]
माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 9वीं शताब्दी से प्रारंभ होता है, जब काँच‍ीपुरम के शासक वंश पल्लवों ने इस स्थान पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था, परंतु 15 सदी के विजयनगर वंश के शासन के पश्चात भी इस मंदिर की ख्याति सीमित रही। 15 सदी के पश्चात इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैलनी शुरू हो गई। 1843 से 1933 ई. तक अंग्रेजों के शासन के अंतर्गत इस मंदिर का प्रबंधन हातीरामजी मठ के महंत ने संभाला। [[हैदराबाद]] के सातवे [[निज़ाम]], [[मीर [[उस्मान अली खान]] ने वर्ष 1951 में इस मंदिर के प्रति 80,000 रुपैये का दान दिया।<ref>https://missiontelangana.com/nizam-gave-funding-for-temples-and-hindu-educational-institutions</ref><ref>https://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/tp-andhrapradesh/A-lsquomiser-who-donated-generously/article15988076.ece</ref>
 
1933 में इस मंदिर का प्रबंधन मद्रास सरकार ने अपने हाथ में ले लिया और एक स्वतंत्र प्रबंधन समिति 'तिरुमाला-तिरुपति' के हाथ में इस मंदिर का प्रबंधन सौंप दिया। आंध्रप्रदेश के राज्य बनने के पश्चात इस समिति का पुनर्गठन हुआ और एक प्रशासनिक अधिकारी को आंध्रप्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया।