"आर्यभट": अवतरणों में अंतर

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:: '' (१०० + ४) * ८ + ६२०००/२०००० = ३.१४१६ ''
 
इसके अनुसार व्यास और परिधि का अनुपात ((४ + १००) × ८ + ६२०००) / २०००० = ३.१४१६ है, जो पाँच [[महत्वपूर्ण आंकड़े|महत्वपूर्ण आंकडों]] तक बिलकुल सटीक है।<ref name="aryabhattapi">[http://www.livemint.com/Sundayapp/8wRiLexg1N2IOXjeK2BKcL/How-Aryabhata-got-the-earths-circumference-right-millenia-a.html How Aryabhata got the earth's circumference right] {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20170115063654/http://www.livemint.com/Sundayapp/8wRiLexg1N2IOXjeK2BKcL/How-Aryabhata-got-the-earths-circumference-right-millenia-a.html |date=15 January 2017 }}</ref>
 
आर्यभट ने ''आसन्न '' (निकट पहुंचना), पिछले शब्द के ठीक पहले आने वाला, शब्द की व्याख्या की व्याख्या करते हुए कहा है कि यह न केवल एक सन्निकटन है, वरन यह कि मूल्य अतुलनीय (या [[अन-अनुपातिक|इर्रेशनल]]) है। यदि यह सही है, तो यह एक अत्यन्त परिष्कृत दृष्टिकोण है, क्योंकि यूरोप में पाइ की तर्कहीनता का सिद्धांत [[जोहान हीनरिच लाम्बर्ट|लैम्बर्ट]] द्वारा केवल १७६१ में ही सिद्ध हो पाया था।<ref>