"आदर्शवाद": अवतरणों में अंतर

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===अनुशासन तथा आदर्शवाद===
आदर्शवाद में अनुशासन को उपयुक्त शिक्षा के लिए आवश्यक समझा जाता है। आदर्शवादी विचारक शिक्षा में अनुशासन के कठोर पक्षपाती हैं। इस विचारधारा के अनुसार बालक को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं देनी चाहिए। इस सम्बन्ध में आदर्शवाद एवं प्रकृतिवाद में भिन्न मत हैं। प्रकृतिवादी शिक्षा-स्वतंत्रता में अधिक विश्वास रखते हैं। जबकि आदर्शवादी शिक्षा- अनुशासन में। इस संबंध में थामस एवं लैंग ने लिखा है-‘‘प्रकृतिवादियों का नारा’’ स्वतंत्रता है। जबकि आदर्शवातियों का नारा अनुशासन है।’’ आदर्शवादी विचारक मानते हैं कि बालक को पूर्ण स्वतन्त्रता देने से तो हानि की ही संभावना अधिक है, लाभ की कम। अतः बालक को सीमित स्वतंत्रता ही प्रदान की जाय। VERY GOOD
 
आदर्शवाद अनुशासन पर बल अवश्य देता है किन्तु वह दमनात्मक अनुशासन के पक्ष में नहीं है क्योंकि कठोर नियन्त्रण में रखकर और दमनकारी साधनों द्वारा स्थापित अनुशासन का परिणाम प्रायः भयंकर होता है। इसलिए अनुशासन का स्वरूप प्रभावात्मक होता है। इसके लिए आदर्शवाद नैतिक गुणों के विकास को महत्व देता है। नैतिक गुणों के विकास के लिए नम्रता, ईमानदारी, समय की पाबन्दी, आज्ञाकारिता, सत्यवादिता इत्यादि गुणों का विकास आवश्यक है जो अनुशासनपूर्ण वातावरण में ही संभव है।