"बीकानेर": अवतरणों में अंतर

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यह शहर पारंपरिक ढंग से बसा हुआ है। नगर के भीतर बहुत सी भव्य इमारतें हैं, जो बहुधा लाल पत्थरों से बनी है। इन पत्थरों पर खुदाई का काम उत्कृष्ट है।
 
यहाँ [[राव लूूणकरण|राव लूणकरण]] (1541-1572ई.) द्वारा बीकानेर में लूणकरणसर झील का निर्माण कराया | रायसिंह (1572-1612 ई ) द्वारा [[जूनागढ़ दुर्ग|जूनागढ़़ दुर्ग]] के निर्माण (1589-1594ई.) की कमान अपनेे मंंत्री कर्मचन्द को सौंप रखी थी, जिसके निर्देशन में दुर्गों का निर्माण हुआ, जूनागढ़ दुर्ग के मुख्य द्वार पर दो वीर शिरोमणि जयमल, फत्ता की मूर्तियाँ स्थापित हुई | इन मूर्तियों को लगवाने का श्रेय रायसिंह को दिया जाता है |अनूप सिंह ने बीकानेर में अनूप संग्रहालय को स्थापित किया तथा [[महाराजा अनूपसिंह|महाराज अनूप सिंह]] ने ही बीकानेर दुर्ग में अनूप महल का निर्माण कराया, बताया जाता है अनूप महल की दीवारों पर सोने की कलम से कार्य हुआ, महाराजा अनूप सिंह के बाद के शासकों का राज्याभिषेक इसी अनूप महल में सम्पन्न होता था | राजस्थान में सर्वप्रथम सिंचाई के लिए गंगनहर तथा गंगा गोल्डन जुबली म्युजियम का निर्माण [[गंगा सिंह|महाराज गंगा सिंह]] ने कराया | लालगढ़ महल का निर्माण भी महाराज गंगा सिंह के द्वारा अपने पिता लालसिंह की स्मृति में कराया था, यह महल यूरोपियन पद्धति से निर्मित कराया गया | इस महल का वास्तुकार जैकफ था |
 
== चित्र शैली ==