"१९७१ का भारत-पाक युद्ध": अवतरणों में अंतर

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{{१९७१ भारत पाक युद्ध}}
1971 भारत-पाक युद्ध में [[पाकिस्तान]] को बड़ी हार का सामना करना पड़ा।<ref>{{cite web|url=https://tribune.com.pk/story/1745073/6-1971-war-lost/|title=1971 war: who lost what?}}</ref> [[पूर्वी पाकिस्तान]] आजाद हो गया और [[बांग्लादेश]] के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए।
 
10. ईस्ट पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी के रूप में जो सेना गठित हुई, वह पाकिस्तान की सेना से लड़ी और भारतीय सेना को रास्ता बताया। यही कारण है कि ईस्ट पाकिस्तान के नदियों के जाल को पार करके भारतीय सेना ढाका तक पहुंच सकी।'''१९७१ का भारत-पाक युद्ध''' [[भारत]] एवं [[पाकिस्तान]] के बीच एक सैन्य संघर्ष था। इसका आरम्भ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के [[बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध|स्वतंत्रता संग्राम]] के चलते ३ दिसंबर, १९७१ से दिनांक १६ दिसम्बर, १९७१ को हुआ था एवं [[ढाका समर्पण]] के साथ समापन हुआ था। युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के ११ स्टेशनों पर [[ऑपरेशन चंगेज़ खान|रिक्तिपूर्व हवाई हमले]] से हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवादी गुटों के समर्थन में कूद पड़ी।<ref name="LATimes" /><ref name="IoP">{{cite book|last=कोहेन|first= स्टीफ़न|title= द आईडिया ऑफ़ पाकिस्तान |url=https://books.google.com/?id=-78yjVybQfkC|year= २००४|publisher= ब्रुकिंग्स इन्स्टीट्यूशन प्रेस |isbn=978-0-8157-1502-3|page=382}}</ref> मात्र १३ दिन चलने वाला यह युद्ध इतिहास में दर्ज लघुतम युद्धों में से एक रहा। <ref name="time27Dec1971">{{cite magazine |title=इण्डिया: ईज़ी विक्टरी, अनीज़ी पीस |url=http://content.time.com/time/magazine/article/0,9171,905593,00.html |magazine=[[टाइम (पत्रिका)|टाइम]] |date= २७ दिसम्बर, १९७१ |subscription=yes}}</ref><ref>{{cite news |date=१० मार्च, २००७ |title= वर्ल्ड्स शॉर्टेस्ट वार लास्टेड ओनली ४५ मिनट्स |url=http://english.pravda.ru/society/stories/98112-world_shortest_war-0 |newspaper=[[:w:Pravda|प्रावड़ा]]}}</ref>
1. उस वक्त भारत की लीडरशिप इंदिरा गांधी के नेतृत्व में स्ट्रांग थी, जबकि पाकिस्तान में सैनिक तानाशाह याहया खान बेहतर फैसले लेने में उतना सक्षम नहीं था।
 
2. राजनीतिक डिप्लोमेसी, ब्‍यूरोक्रेसी और मिलिट्री में सामंजस्य बेहतर था, जबकि पाकिस्तान में सैनिक शासन होने की वजह से सब बिखरा-बिखरा था।
 
3. भारत ने युद्ध से पहले रूस के साथ समझौता किया था, इंटरनेशनल लेवल पर बांग्लादेश की रिफ्यूजी समस्या को जोरदार ढंग से उठाया था। पाकिस्तान इस भुलावे में था कि अमेरिका और चीन उसकी हेल्प करेंगे।
 
4. पाकिस्तान की मदद के लिए अमेरिका ने सेवंथ फ्लीट बेड़े को हिंद महासागर में डियेगो गार्सिया तक भेज दिया था, लेकिन भारत ने रूस से जो समझौता किया था, उसकी वजह से भारत की मदद के लिए रूस ने अपनी न्यूक्लियर सब मैरिन भेज दी। ये भारत के हक़ में रहा।
 
5. भारत ने ईस्ट पाकिस्तान में तेजी से वॉर कर तीन दिन में ही एयर फोर्स और नेवल विंग को तबाह कर दिया। इस वजह से ईस्ट पाकिस्तान की राजधानी ढाका में पैराट्रूपर्स आसानी से उतर गए, जिसका पता जनरल एएके नियाजी को 48 घंटे बाद लगा।
 
6. पाकिस्तान में डिसीजन टेकिंग पावर सिर्फ हायर लेवल पर सेंट्रलाइज थी। इस वजह से कोई फैसला नीचे तक आने में वक्त लगता था। इस वजह से पाकिस्तान तेजी से कोई स्ट्रेटजी नहीं बना पाया। भारत में चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ मानेकशाॅ ने फैसले लेने का पावर दोनों कोर कमांडरों को दिया था। भारतीय सेना तेजी से निर्णय लेकर हमले कर सकी।
 
7. वेस्ट पाकिस्तान ने ईस्ट पाकिस्तान में 'क्रेक डाउन' शुरू कर दिया था। इस वजह से ईस्ट पाकिस्तान की सेना रेप, मर्डर और लोगों को प्रताड़ित करने लगी। इससे आर्मी का डिसिप्लीन भंग हो गया। ऐसे में जब उनका सामना भारत की अनुशासित सेना से हुआ तो उन्हें हारकर सरेंडर करना पड़ना।
 
8. पाकिस्तान को अंत तक भारत की स्ट्रैटजी का पता नहीं चल पाया। उसने सोचा था कि भारत की सेना ईस्ट पाकिस्तान में नदियों को पार कर ढाका तक नहीं पहुंच पाएगी और वह बॉर्डर पर ही उलझे रहेंगे। यह उसकी भूल साबित हुई। भारतीय सेना ने पैराट्रूपर्स की मदद से ढाका को ही घेर लिया। वहीं मुक्ति वाहिनी की मदद से भारतीय सेना, ईस्ट पाकिस्तान के बार्डर से अंदर तक घुस गई।
 
9. पाकिस्तान में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में कोआर्डिनेशन नहीं था। यही कारण है कि तीनों संयुक्त रूप से कार्रवाई नहीं कर पाए, जबकि भारतीय सेना फील्ड मार्शल मानेकशाॅ के नेतृत्व में तीनों विंग एकजुट होकर काम कर रही थी।
 
10. ईस्ट पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी के रूप में जो सेना गठित हुई, वह पाकिस्तान की सेना से लड़ी और भारतीय सेना को रास्ता बताया। यही कारण है कि ईस्ट पाकिस्तान के नदियों के जाल को पार करके भारतीय सेना ढाका तक पहुंच सकी।'''१९७१ का भारत-पाक युद्ध''' [[भारत]] एवं [[पाकिस्तान]] के बीच एक सैन्य संघर्ष था। इसका आरम्भ तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के [[बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध|स्वतंत्रता संग्राम]] के चलते ३ दिसंबर, १९७१ से दिनांक १६ दिसम्बर, १९७१ को हुआ था एवं [[ढाका समर्पण]] के साथ समापन हुआ था। युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के ११ स्टेशनों पर [[ऑपरेशन चंगेज़ खान|रिक्तिपूर्व हवाई हमले]] से हुआ, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में बंगाली राष्ट्रवादी गुटों के समर्थन में कूद पड़ी।<ref name="LATimes" /><ref name="IoP">{{cite book|last=कोहेन|first= स्टीफ़न|title= द आईडिया ऑफ़ पाकिस्तान |url=https://books.google.com/?id=-78yjVybQfkC|year= २००४|publisher= ब्रुकिंग्स इन्स्टीट्यूशन प्रेस |isbn=978-0-8157-1502-3|page=382}}</ref> मात्र १३ दिन चलने वाला यह युद्ध इतिहास में दर्ज लघुतम युद्धों में से एक रहा। <ref name="time27Dec1971">{{cite magazine |title=इण्डिया: ईज़ी विक्टरी, अनीज़ी पीस |url=http://content.time.com/time/magazine/article/0,9171,905593,00.html |magazine=[[टाइम (पत्रिका)|टाइम]] |date= २७ दिसम्बर, १९७१ |subscription=yes}}</ref><ref>{{cite news |date=१० मार्च, २००७ |title= वर्ल्ड्स शॉर्टेस्ट वार लास्टेड ओनली ४५ मिनट्स |url=http://english.pravda.ru/society/stories/98112-world_shortest_war-0 |newspaper=[[:w:Pravda|प्रावड़ा]]}}</ref>
 
युद्ध के दौरान भारतीय एवं पाकिस्तानी सेनाओं का एक ही साथ पूर्वी तथा पश्चिमी दोनों फ्रंट पर सामना हुआ और ये तब तक चला जब तक कि पाकिस्तानी पूर्वी कमान ने [[समर्पण अभिलेख १९७१|समर्पण अभिलेख]] पर<ref>{{cite web |url=http://sify.com/news/1971-war-i-will-give-you-30-minutes-news-columns-jmqlV0fcjja.html |title=1971 War: 'I will give you 30 minutes' |website=Sify.com |access-date=14 April 2011}}</ref> १६ दिसम्बर, १९७१ में [[ढाका]] में हस्ताक्षर नहीं कर दिये, जिसके साथ ही पूर्वी पाकिस्तान को एक नया राष्ट्र [[बांग्लादेश]] घोषित किया गया। लगभग ~९०,०००<ref name="India's Borderland Disputes: China, Pakistan, Bangladesh, and Nepal">{{cite book