"बौद्ध धर्म का इतिहास": अवतरणों में अंतर

He is not a भगवान
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2405:204:9510:122A:0:0:2408:E8AC (Talk) के संपादनों को हटाकर प्रसाद साळवे के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
[[चित्र:Asoka Kaart.png|अंगूठाकार|[[सम्राट अशोक]] (260–218 ई.पू.) के शिलालेखों के अनुसार उनके समय में ही बौद्ध धर्म का प्रसार दूर-दूर तक हो चुका था।]]
[[सत्य]] और [[अहिंसा]] के मार्ग को दिखाने वाले  तथागत [[भगवान बुद्ध|बुद्ध]] दिव्य आध्यात्मिक विभूतियों में अग्रणी माने जाते हैं। तथागत भगवान बुद्ध के बताए आठ सिद्धांत को मानने वाले भारत समेत दुनिया भर में करोड़ो लोग हैं।
{{बौद्ध धर्म}}
भगवान बुद्ध के अनुसार [[धम्म]] जीवन की पवित्रता बनाए रखना और पूर्णता प्राप्त करना है। साथ ही निर्वाण प्राप्त करना और तृष्णा का त्याग करना है। इसके अलावा भगवान बुद्ध ने सभी संस्कार को अनित्य बताया है। भगवान बुद्ध ने मानव के कर्म को नैतिक संस्थान का आधार बताया है। यानी भगवान बुद्ध के अनुसार धम्म यानी धर्म वही है। जो सबके लिए ज्ञान के द्वार खोल दे। और उन्होने ये भी बताया कि केवल विद्वान होना ही पर्याप्त नहीं है। विद्वान वही है जो अपने की ज्ञान की रोशनी से सबको रोशन करे। धर्म को लोगों की जिंदगी से जोड़ते हुए भगवान बुद्ध ने बताया कि करूणा शील और मैत्री अनिवार्य है। इसके अलावा सामाजिक भेद भाव मिटाने के लिए भी भगवान बुद्ध ने प्रयास करते हुए बताया था कि लोगों का मुल्यांकन जन्म के आधार पर नहीं कर्म के आधार पर होना चाहिए।बुद्धचाहिए। भगवान बुद्ध के बताए मार्ग पर दुनिया भर के करोड़ों लोग चलते है। जिससे वो सही राह पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाते हैं।तथागत गौतम बुद्ध अपने आपको भगवान या ईश्वर नहीं बताते है।
[[चित्र:Buddhist Expansion.svg|center|550px|thumb|बौद्ध धर्म का उद्भव एवं प्रसार]]