"बौद्ध धर्म": अवतरणों में अंतर
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{{बौद्ध धर्म}}
'''बौद्ध धर्म''' [[भारत]]
बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: [[हीनयान]], [[थेरवाद]], [[महायान]], [[वज्रयान]] और [[नवयान]], परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है एवं सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। ईसाई धर्म के बाद बौद्ध धर्म दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा धर्म हैं, दुनिया के करीब २ अरब (२९%) लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। किंतु, अमेरिका के प्यु रिसर्च के अनुसार, विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का 7% हिस्सा है। प्यु रिसर्च ने [[चीन]], [[जापान]] व [[वियतनाम]] देशों के बौद्धों की संख्या बहुत ही कम बताई हैं, हालांकि यह देश सर्वाधिक बौद्ध आबादी वाले शीर्ष के तीन देश हैं। दुनिया के 200 से अधिक देशों में बौद्ध अनुयायी हैं। किंतु [[चीन]], [[जापान]], [[वियतनाम]], [[थाईलैण्ड]], [[म्यान्मार]], [[भूटान]], [[श्रीलंका]], [[कम्बोडिया]], [[मंगोलिया]], [[तिब्बत]], [[लाओस]], [[हांगकांग]], [[ताइवान]], [[मकाउ]], [[सिंगापुर]], [[दक्षिण कोरिया]] एवं [[उत्तर कोरिया]] समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत
== गौतम बुद्ध ==
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[[चित्र:Lightmatter buddha3.jpg|thumb|left|बुद्ध की पत्थर की मूर्ति]]
बुद्ध का वास्तविक नाम '''सिद्धार्थ''' था। उनका जन्म [[कपिलवस्तु]] (शाक्य महाजनपद की राजधानी) के पास लुंबिनी
सिद्धार्थ के पिता शाक्यों के राजा शुद्धोदन
<p>परिव्राजक बनकर सर्वप्रथम सिद्धार्थ ने पाँच ब्राह्मणों के साथ अपने प्रश्नों के उत्तर ढूंढने शुरू किये। वे उचित ध्यान हासिल कर पाए, परंतु उन्हें अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले। फ़िर उन्होने तपस्या करने की कोशिश की। वे इस कार्य में भी वे अपने गुरुओं से भी ज़्यादा, निपुण निकले, परंतु उन्हे अपने प्रश्नों के उत्तर फ़िर भी नहीं मिले। फ़िर उन्होने कुछ साथी इकठ्ठे किये और चल दिये अधिक कठोर तपस्या करने। ऐसे करते करते छः वर्ष बाद, बिना अपने प्रश्नों के उत्तर पाएं, भूख के कारण मृत्यु के करीब से गुज़रे, वे फ़िर कुछ और करने के बारे में सोचने लगे। इस समय, उन्हें अपने बचपन का एक पल याद आया, जब उनके पिता खेत तैयार करना शुरू कर रहे थे। उस समय वे एक आनंद भरे ध्यान में पड़ गये थे और उन्हे ऐसा महसूस हुआ था कि समय स्थिर हो गया है।</p>
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<p>अपने बाकी के ४५ वर्ष के लिये, गौतम बुद्ध ने गंगा नदी के आस-पास अपना धर्मोपदेश दिया, धनवान और कंगाल लोगों दोनो को। उन्होने दो सन्यासियों के संघ की भी स्थापना जिन्होने बुद्ध के धर्मोपदेश को फ़ैलाना जारी रखा।
[[चित्र:TrilogyDetail.JPG|thumb|251px| [[इन्द्र|इंद्र]] और [[ब्रह्मा]] [[गौतम बुद्ध]] को पूजते हुए, १२७ ई.प, ब्रिटिश म्यूज़ियम]]
== पालि साहित्य ==
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{{मुख्य|बौद्ध दर्शन}}
गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद, बौद्ध धर्म के अलग-अलग
=== प्रतीत्यसमुत्पाद ===
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=== दीक्षाभूमी ===
[[चित्र:Diksha Bhumi.jpg|thumb|300px|[[दीक्षाभूमि, नागपुर|दीक्षाभूमि]], [[नागपुर]], [[महाराष्ट्र]], [[भारत]]]]
[[दीक्षाभूमि, नागपुर]] [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[नागपुर]] शहर में स्थित पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल है। बौद्ध धर्म भारत में 12वी शताब्धी तक रहा, बाद हिंदूओं और मुस्लिमों के हिंसक संघर्ष से शांतिवादी बौद्ध धर्म का प्रभाव कम होता गया और 12वी शताब्दी में जैसे बौद्ध धर्म भारत से गायब हो गया। 12वी से 20वी शताब्धी तक हिमालयीन प्रदेशों के अलावा पुरे भारत में बौद्ध धर्म के अनुयायीओं की संख्या बहूत ही कम रही। लेकिन, दलितों के मसिहा [[भीमराव अम्बेडकर|डॉ॰ बाबासाहेब अम्बेडकर ]] ने 20वी शताब्दी के मध्य में '''अशोक विजयादशमी''' के दिन [[14 अक्टूबर]], [[1956]] को पहले स्वयं अपनी पत्नी ड॰ सविता आंबेडकर के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली और फिर अपने 5,00,000 हिंदू दलित समर्थकों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी। बौद्ध धर्म की दीक्षा देने के लिए बाबासाहेब ने [[त्रिशरण]], [[पंचशील]] एवं अपनी [[22 प्रतिज्ञाँए]] अपने नव-बौद्धों को दी। अगले दिन नागपुर में [[15 अक्टूबर]] को फिर बाबासाहेब ने 3,00,000 लोगों को धम्म दीक्षा
==बौद्ध समुदाय ==
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