Pardip Lal
Pardip Lal (वार्ता | योगदान) Add some definition related to science टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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19:55, 21 अक्टूबर 2018 का अवतरण
विज्ञान रासायनिक तत्व (या केवल तत्व) ऐसे उन शुद्ध पदार्थों को कहते हैं जो केवल एक ही तरह के परमाणुओं से बने होते हैं। या जो ऐसे परमाणुओं से बने होते हैं जिनके नाभिक में समान संख्या में प्रोटॉन होते हैं। सभी रासायनिक पदार्थ तत्वों से ही मिलकर बने होते हैं। रासायनिक यौगिक = दो या अधिक तत्व जब भार के अनुसार एक निश्चित अनुपात में रासायनिक बन्ध द्वारा जुड़कर जो पदार्थ बनाते हैं उसे रासायनिक यौगिक (chemical compound) कहते हैं। उदाहरण के लिये जल, साधारण नमक, गंधक का अम्ल आदि रासायनिक यौगिक हैं। अम्ल एक रासायनिक यौगिक है, जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। इसका pH मान 7.0 से कम होता है। जोहान्स निकोलस ब्रोंसटेड और मार्टिन लॉरी द्वारा दी गई आधुनिक परिभाषा के अनुसार, अम्ल वह रासायनिक यौगिक है जो प्रतिकारक यौगिक (क्षार) को हाइड्रोजन आयन (H+) प्रदान करता है। जैसे- एसीटिक अम्ल (सिरका में) और सल्फ्यूरिक अम्ल (बैटरी में) क्षार एक ऐसा पदार्थ है, जिसको जल में मिलाने से जल का pH मान 7.0 से अधिक हो जाता है। ब्रंस्टेड और लोरी के अनुसार, क्षार एक ऐसा पदार्थ है जो अम्लीय पदार्थों को OH- दान करते हैं। वे पदार्थ हैं जो अम्ल के साथ मिलकर लवण और जल हैं क्षार धातु आवर्त सारणी के तत्त्व लिथियम (Li), सोडियम (Na), पोटैशियम (K), रुबिडियम (Rb), सीजियम (Cs) और फ्रांसियम (Fr) के समूह को क्षार धातुएँ (Alkali metals) कहते हैं। यह समूह आवर्त सारणी के एस-ब्लॉक में स्थित है। वे सभी मुलायम, चमकदार तथा तथा कोमलता के कारण एक चाकू से आसानी से काटी जा सकती हैं बल - वह बाह्य कारक है, जो किसी वस्तु की विरामावस्था या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था को परिवर्तित कर सकता है बल एक सदिश राशि है जिससे किसी पिण्ड का वेग बदल सकता है। न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार, बल संवेग परिवर्तन की दर के अनुपाती है। कार्य - work होना तब माना जाता है जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वह वस्तु बल की दिशा में कुछ विस्थापित हो। दूसरे शब्दों में, कोई बल लगाने से बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन हो तो कहते हैं कि बल ने कार्य किया। अदिश राशि & सदिश राशि - जिन राशियों में सिर्फ परिमाण होता है उन्हें अदिश राशि कहते हैं, जैसे - चाल, दूरी, द्रव्यमान, आयतन, समय, ताप, कार्य,बिधुत धारा, दाब, ऊर्जा इत्यादि। जिस भौतिक राशि में मात्रा (परिमाण) तथा दिशा दोनो निहित होते हैं उन्हें सदिश राशि कहते है। सदिश राशियों के उदाहरण हैं - वेग, बल, संवेग, त्वरण, विस्थापन,रेखीय संवेग, कोणीय वेग, कोणीय संवेग, चुम्बकीय आघूर्ण,चाल प्रवणता, ताप प्रवणता,विधुत द्विध्रुव आघुर्ण,विधुत धारा घनत्व इत्यादि दूरी - दो बिन्दुओं के बीच की जगह के सांख्यिक मापन को कहते हैं, अर्थात यह उन दोनों बिन्दुओं के बीच के पथ की लम्बाई का माप है। किसी गतिमान वस्तु द्वारा किसी समय में तय किए पथ की लंबाई को भी उस वस्तु द्वारा चली गई दूरी कहते हैं। विस्थापन - किसी विशेष दिशा में गतिशील वस्तु की स्थिति परिवर्तन को उसका विस्थापन कहते हैं। विस्थापन एक सदिश राशि है। ज्ञातव्य है कि दूरी व विस्थापन में मुख्य अन्तर यह है कि वस्तु का विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक व शून्य भी हो सकता है, परन्तु दूरी सदैव धनात्मक होती है। जैसे हम किसी पत्थर को पृथ्वी से पाँच मीटर की ऊँचाई तक फेंकते हैं तथा पत्थर पुनः अपने स्थान पर वापस लौट आता है। इस दशा में पत्थर का विस्थापन तो शून्य होगा, परन्तु उसके द्वारा चली दूरी दस मीटर होगी। Speed - किसी वस्तु के विस्थापन की दर को चाल कहते हैं. अथार्त चाल = दूरी / समय यह एक अदिश राशि है. इसका S.I. मात्रक मी./से. है. velocity - किसी वस्तु के विस्थापन की दर को या एक निश्चित दिशा में प्रति सेकंड वस्तु द्वारा तय की दूरी को वेग कहते हैं. यह एक सदिश राशि है. इसका S.I. मात्रक मी./से. है. त्वरण (acceleration) - किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं. इसका S.I. मात्रक मी/से^ 2 है. यदि समय के साथ वस्तु का वेग घटता है तो त्वरण ऋणात्मक होता है, जिसे मंदन (retardation ) कहते हैं. circular motion - जब कोई वस्तु किसी वृताकार मार्ग पर गति करती है, तो उसकी गति को वृत्तीय गति कहते हैं. यदि वह एक समान चाल से गति करती है तो उसकी गति को एक समान वृत्तीय गति कहते हैं.