"सलीम तृतीय": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 32:
| signature = Tughra of Selim III.JPG
}}
'''सलीम तृतीय''' (उस्मानी तुर्कीयाई: سليم ثالث सेलिम''-इ <u>सालिस</u>'') <span dir="ltr">(24 दिसम्बर 1761 – 28 जुलाई 1808)</span> 1789 से 1807 तक [[उस्मानी साम्राज्य]] के सुल्तान रहे। अपने सुधारवादी नीतियों की वजह से [[यनीचरी|यनीचरियों]] ने उन्हें बंदी बना लिया और अंत में उनकी हुकूमत को तख़्तापलट किया
सलीम तृतीय [[मुस्तफ़ा तृतीय]] और महरशाह सुल्तान के बेटे थे। उनकी माँ [[जॉर्जिया]] में पैदा हुई और [[वालिदा सुल्तान]] के ओहदे संभालती हुई वे हुकूमती शालाओं के सुधार आंदोलन में शामिल थीं। सलीम तृतीय के पिता सुल्तान मुस्तफ़ा तृतीय बहुत शिक्षित थे और उनका मानना था कि साम्राज्य में सुधार आंदोलन चलाना निहायत ज़रूरी थी। शिक्षित और क़ाबिल सिपाहियों के साथ उन्होंने एक ताक़तवर सेना बनाने की कोशिश की। उन्होंने सेना पर ज़ोर दिया क्योंकि उनका डर था कि रूसी साम्राज्य की ओर से उस्मानिया पर आक्रमण हो जाएगा। रूसियों और उस्मानियों के 1774 युद्ध के दौरान [[दिल का दौरा|दिल के दौरे]] की वजह से उनकी मौत हुई। सुल्तान मुस्तफ़ा जानते थे कि सेना में सुधार लाने की निहायत ज़रूरत थी। उन्होंने नई सैन्य विधियाँ क़ायम की और उन्होंने नए समुद्री और तोपख़ाने अकादमियों का संस्थापना किया।
|