"अब्दुल मजीद प्रथम": अवतरणों में अंतर

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'''अब्दुल मजीद प्रथम''' ({{lang-ota|عبد المجيد اول}} ''अब्दुलमेजित-इ एव्वेल''; 23/25 अप्रैल 1823 - 25 जून 1861) [[उस्मानी साम्राज्य]] के 31वें सुल्तान थे और उन्हें 2 जुलाई 1839 को तख़्तनशीन हुए।<ref>[[Chambers Biographical Dictionary]], {{ISBN|0-550-18022-2}}, page 3</ref> उनके दौर में साम्राज्य के विभिन्न प्रदेशों में राष्ट्रवादी आंदोलनों का उद्भव हुआ। अब्दुल मजीद उस्मानवाद के हामी थे और उन्होंने साम्राज्य में राष्ट्रवादी आंदोलनों को दबाने की कोशिश की। नए क़ानूनों और सुधारों के साथ उन्होंने ग़ैर-तुर्कों और ग़ैर-मुसलमानों को उस्मानी समाज में सम्मिलित करने का प्रयत्न किया लेकिन वे नाकाम हुए। उन्होंने [[यूनाइटेड किंगडम|संयुक्त बादशाही]] और [[फ़्रान्स|फ़्रांस]] जैसे पश्चिमी यूरोपीय शक्तियों के साथ संधि की थी और इनके साथ उस्मानियों ने क्रीमिया युद्ध में [[रूस]] का सामना किया। 30 मार्च 1856 के [[पेरिस|पैरिस]] समझौते में उस्मानिया आधिकारिक तौर पर यूरोपीय राष्ट्रों के परिवार का सदस्य बना। अब्दुल मजीद की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने तंज़ीमात ''(पुनर्निर्माण)'' के सुधार लागू करने में सफल हुए और इसकी वजह से 1839 में प्रभावी तौर पर उस्मानिया का आधुनिकीकरण शुरू हुआ।
 
== सन्दर्भ ==