"श्रीचंद माखीजा": अवतरणों में अंतर

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14:52, 24 अक्टूबर 2018 का अवतरण

20 मार्च, 1940 को जन्मे श्रीचंद माखीजा का परिवार विभाजन से एक साल पहले 1946 में ही पाकिस्तान के शिकारपुर (सिंध) से जयपुर आकर बस गया था। जयपुर में सिंध पंचायत स्कूल और पोद्दार स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने कॉमर्स कॉलेज से स्नातक किया। कॉलेज में भी नाटकों का सिलसिला चलता रहा जो एजी ऑफिस में नौकरी लग जाने के बाद भी जारी रहा। मोहन महर्षि, एचपी सक्सेना जैसे निर्देशकों के साथ उन्होंने कई नाटक किए। - श्रीचंद माखीजा का जब 1976 में मुंबई तबादला हुआ तो जैसे उन्हें सही मंजिल मिल गई और अभिनय का पूरा समुद्र उनके सामने खुल गया। दिनेश ठाकुर की संस्था 'अंक' के साथ जुड़कर उन्होंने बेशुमार नाटक किए, जिनकी फेहरिस्त बहुत लंबी है। उन्होंने लगभग 65 नाटक हिंदी में, 45 सिंधी में, 10 राजस्थानी में, 5 अंग्रेजी में, 2 मराठी में और 2 संस्कृत में किए। इनमें एक-एक नाटक के कई शो हुए। 'हाय मेरा दिल' के ही 1131 शओ हो चुके हैं, जिसमें ये शुरू से जुड़े हुए हैं।

श्रीचंद माखीजा
जन्म 20 मार्च १९४० (१९४०-03-20) (आयु 84)
पेशा अभिनेता
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

श्रीचंद माखीजा को असली पहचान मिली टीवी सीरियल 'नुक्कड़' से। कुंदन लाल शाह के इस सीरियल के पहले सत्र के सभी 40 एपिसोड में माखीजा ने चौरसिया पान वाले का रोल किया, जिसमें वे बिहारी भाषा में रोचक संवाद बोलते हैं। उस दौर में वे मुंबई की गलियों में निकल जाते तो लोग उन्हें 'चौरसिया पान वाला' कहकर आवाज लगाते थे। इस सीरियल से वे घर-घर में पहुंच गए।

नामांकन और पुरस्कार

सन्दर्भ