"रिक्टर पैमाना": अवतरणों में अंतर

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उदाहरण के लिए रिक्टर पैमाने पर मापे गये ५.० तीव्रता के एक भूकम्प का कंपन आयाम उसी पैमाने पर आंके गये ४.० तीव्रता के भूकंप के आयाम का दस गुणा अधिक होगा। ''स्थानिक परिमाण'' यानि लोकल मैग्नीट्यूड (<math>M_L</math>) की प्रभावी मापन सीमा लगभग ६.८ होती है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल १ से ९ तक के अपने मापक पैमाने के आधार पर मापता है। भूकंप द्वारा उत्सर्जित [[ऊर्जा]], जो उसके द्वारा किये गये विध्वंस से सीधे संबंधित होती है, कंपन आयाम की {{frac|३|२}} पावर के अनुपात में होती है। अतः परिमाण में १.० का अंतर ३१.६ (<math>=({10^{1.0}})^{(3/2)}</math>) गुणा उत्सर्जित ऊर्जा के सदृश होता है। इसी प्रकार परिमाण में २.० का अंतर १००० (<math>=({10^{2.0}})^{(3/2)}</math>) उत्सर्जित ऊर्जा के समान होता है।<ref>[http://earthquake.usgs.gov/learning/topics/richter.php यू.एस.जी.एस:द रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल]</ref>
 
[[चित्र:Earthquake severity.jpg|thumb|left|300px||भूकंप की तीव्रता का सीधा अनुपात-रिक्टर पैमाना]]
अभी तक भूकंप की तीव्रता की अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। रिक्टर स्केल पर ७.० या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। इसी पैमाने पर २.० या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता हैं, जो सामान्यतः महसूस नहीं होते। ४.५ की तीव्रता वाले भूकंप घरों और अन्य रचनाओं को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास [[१९३५]] में [[कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी]] के [[चार्ल्स रिक्टर]] ेऔर [[बेनो गुटेनबर्ग]] ने मिलकर किया था। अब तक का सबसे बड़ा भूकंप [[२२ मई]] [[१९६०]] को [[ग्रेट चिली]] में आया था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ९.५ दर्ज की गई थी। [[२१ सितंबर]], [[२००९]] को [[हिमालय क्षेत्र]] में आए भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ६.३ मापी गई। इस भूकंप का केंद्र [[गुवाहाटी]] से उत्तर दिशा में १२५ [[किलोमीटर]] दूर मोगार में जमीन के भीतर ७.२ किलोमीटर पर केंद्रित था। [[हैती]] में [[१२ जनवरी]], [[२०१०]] को [[हैती भूकंप २०१०|आए भूकंप]] की तीव्रता रिक्टर स्केल पर ७.८ मापी गई थी।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-91259.html रिक्टर स्केल ]। हिन्दुस्तान लाइव। १५ जनवरी २०१०</ref>