"भू-संतुलन": अवतरणों में अंतर

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→‎प्राट की व्याख्या: व्याकरण में सुधार
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===प्राट की व्याख्या===
 
हैफोर्ड और बोवी के विचार है फोर्ड तथा बोवी दोनों प्राट के विचारो से सहमत होते हुए अपना अलग मत प्रतिपादित किया |हैफोर्ड के अनुसार पृथ्वी के नीचे अलग अलग भाग विद्यमान है ,परन्तु धरातल के नीचे एक निश्चित गहराई पर एक ऐसा तल है जिसके नीचे घनत्व में कोई अन्तर नही पाया जाता ,इसे समतोल तल या Level of compensation कहा जाता है इस तल के उपर घनत्व तथा उचाई में उल्लटा अनुपात पाया जाता है | Level of copnsation धरातल से १०० किलोमीटर की गहराई पर मनमाना जाता है ,इस तल के उपर कम घनत्व की चट्टनो की उचाई अधिक और अधिक घनत्व की चट्टानों की उचाई कम होती है |
बोवी महोदय एयरी और प्राट के सिद्धांतो का तुलनात्मक अध्ययन कर स्पष्ट किया की दोनों के विचारो में एकरूपता तो नही लेकिन समानता जरूर है |इन्होने हैफोर्ड के समतोल तल का समर्थन किया |इनके अनुसार क्षति पूर्ती तल १२० किलोमीटर की गहराई पर है |यह प्रमाणित है कि प्रत्येक ३२ मीटर की गहराई पर १ अंशडिग्री सेंटीग्रेटसेंटीग्रेड ताप बढ़ जाता है |इतनी गहराई पर चट्टानों का द्रव्नांक आ जाने से चट्टानें पिघल जायेगी |इस लिए क्षति पूर्ति तल सम्भव नही लगताकाल्पनिक है|
 
===प्लेट विवार्तानिकी और भूसंतुलन===