"श्लेष अलंकार": अवतरणों में अंतर

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जब किसी [[शब्द]] का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक [[अर्थ]] निकलते हैं तब [[श्लेष]] [[अलंकार]] होता है। उदाहरण -
 
'''पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।'''
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चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ '''साधारण पानी'''(जल) है।
 
अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
 
अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
श्लेष अलंकार के दो भेद होते है।
1. सभंग श्लेष 2. अभंग श्लेष
{{रस छन्द अलंकार}}