76,953
सम्पादन
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) छो (2405:204:A31E:BBD0:3F74:CDE1:8B45:3947 (Talk) के संपादनों को हटाकर Raju Jangid के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया) टैग: प्रत्यापन्न |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) |
||
{{स्रोतहीन|date=अक्टूबर 2018}}
[[चित्र:Milk glass.jpg|right|thumb|300px|द्रव का कोई निश्चित आकार नहीं होता। द्रव जिस पात्र में रखा जाता है उसी का आकार ग्रहण कर लेता है।]]
प्रकृति में सभी रासायनिक पदार्थ साधारणत: [[ठोस]], [[द्रव]] और [[गैस]] तथा [[प्लाज्मा]] - इन चार अवस्थाओं में पाए जाते हैं। द्रव और गैस प्रवाहित हो सकते हैं, किंतु ठोस प्रवाहित नहीं होता। लचीले ठोस पदार्थों में आयतन अथवा आकार को विकृत करने से प्रतिबल उत्पन्न होता है। अल्प विकृतियों के लिए विकृति और [[प्रतिबल]] परस्पर समानुपाती होते हैं। इस गुण के कारण लचीले ठोस एक निश्चित मान तक के बाहरी बलों को सँभालने की क्षमता रखते हैं।
|