"रत्नावली": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो 49.35.247.4 (Talk) के संपादनों को हटाकर Surenders25 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 1:
'''रत्नावली''' एक विदुषी कन्या थी, जिनका जन्म सम्वत्- 1577 विक्रमी में जनपद- [[कासगंज]] के [[सोरों|सोरों शूकरक्षेत्र]] अन्तर्वेदी भागीरथी गंगा के पश्चिमी तटस्थ बदरिया (बदरिका) नामक गाँव में हुआ था। विदुषी रत्नावली के पिता का नाम पं॰ दीनबंधु पाठक एवं माता दयावती थीं। विदुषी रत्नावली का पाणिग्रहण सम्वत्- 1589 विक्रमी में [[सोरों|सोरों शूकरक्षेत्र]] निवासी पं॰ आत्माराम शुक्ल के पुत्र पं॰ तुलसीदास जी के साथ हुआ। सम्वत्- 1604 विक्रमी में जब रत्नावली मात्र 27 वर्ष की ही थी, तब तुलसीदास जी इनसे विरक्त होकर [[सोरों|सोरों शूकरक्षेत्र]] त्यागकर चले गए। अंत में पूज्य पति परमेश्वर का स्मरण करती हुई सती साध्वी रत्नावली सम्वत्- 1651 विक्रमी में अपनी अलौकिक कान्ति चमकाती हुई सत्यलोक सिधार
[[श्रेणी:हर्षवर्धन]]
[[श्रेणी:संस्कृत नाटक]]
[[श्रेणी:संस्कृत ग्रंथ]]
[[श्रेणी:नाटक]]
{{Book-stub}}
|