"पूर्ण प्रतियोगिता": अवतरणों में अंतर

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जब बाजार में कोइ वस्तू आती है तो उसके मांग और उसकी आपूर्ति में सम्बन्ध स्थापित होता है और मूल्य का निर्धारण होता है।
 
'''विक्रेता द्वारा उप्युक्त विक्रय परिमाण का निर्धारण'''
 
पूर्ण प्रतियोगिता में विक्रेता का मांग वक्र पुर्णतः लोचशील होता है क्योंकि वह बाजार निर्धारित मूल्य पर जितना चाहे उत्पादन कर सकता है और उसे बेच सकता हैा अतः उसे उप्युक्त परिमाण निर्धारित करने केलिये अपने सीमांत लागत वक्र का निर्धरन करना होता हैा[[चित्र:उदाहरण.jpg]]