"आर के नारायण": अवतरणों में अंतर

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'''आर के नारायण''' (अक्टूबर 10, 1906- मई 13, 2001) का पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी अय्यर नारायणस्वामी था। नारायण [[अंग्रेजी साहित्य]] के भारतीय लेखकों में तीन सबसे महान् उपन्यासकारों में गिने जाते हैं। [[मुल्कराज आनंद]] तथा [[राजा राव]] के साथ उनका नाम भारतीय अंग्रेजी लेखन के आरंभिक समय में 'बृहत्त्रयी' के रूप में प्रसिद्ध है। मुख्यतः [[उपन्यास]] तथा [[कहानी]] विधा को अपनाते हुए उन्होंने विभिन्न स्तरों तथा रूपों में मानवीय उत्थान-पतन की गाथा को अभिव्यक्त करते हुए अपने गंभीर [[यथार्थवाद]] के माध्यम से रचनात्मक कीर्तिमान स्थापित किया है।
 
== जीवन-परिचय है ==
आर के नारायण का पूरा नाम राशीपुरम कृष्ण स्वामीनारायण था। इसमें पारंपरिक पारिवारिक उपाधि 'अय्यर' जोड़कर भी उनका नाम लिया जाता है। नारायण के पिता एक तमिल अध्यापक थे, जिन्होंने अपना अधिकांश समय मैसूर के शांत शहर में बिताया था। नारायण ने भी बहुत थोड़े समय के लिए एक अध्यापक तथा पत्रकार के रूप में कार्य करने के सिवा अपना सारा जीवन लेखन में ही लगाया।<ref>भारतीय अंग्रेजी साहित्य का इतिहास, एम. के. नाईक, साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली, प्रथम संस्करण-1989, पृ०-165.</ref>