"सहजीवन": अवतरणों में अंतर

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सहजीविता का एक और अत्यंत रोचक उदाहरण कंबोल्यूटा रोजिओफेंसिस (Convoluta roseoffensis) नामक एक टर्बेलेरिया क्रिमि (Turbellaria) और क्लैमिडोमॉनाडेसिई (Chlamydomonadaceae) वर्ग के शैवाल के बीच का पारस्परिक संयोग है। कंबोल्यूटा के जीवनचक्र में चार अध्याय होते हैं। अपने जीवन के प्राथमिक भाग में कंबोल्यूटा स्वतंत्र रूप से बाहर का भोजन करता है। कुछ दिनों बाद शैवाल से संयोग होता है और फिर इस कृमि का पोषण, इसके शरीर में रहने वाले शैवाल द्वारा बनाए गए कार्बनिक यौगिक और बाहर के भोजन दोनों से होता है। तीसरी अवस्था में कंबोल्यूटा बाहर का भोजन ग्रहण करना बंद कर देता है और अपने पोषण के लिए केवल शैवाल के प्रकाश संश्लेषण द्वारा बनाए गए कार्बनिक यौगिक पर ही निर्भर रहता है। अंत में कृमि अपने सहजीवी शैवाल को ही पचा लेता है और स्वयं मर जाता है।
 
बहुत से सहजीची [[जीवाणु]] और अंतरकोशिक [[यीस्ट]] (yeast) [[आहार नली]] की कोशिकाओं में रहते हैं और [[पाचन क्रिया]] में सहायता करते हैं। [[दीमक]] की आहार नली में बहुत से इंफ्यूसोरिया (Infusoria) होते हैं, जिनका काम [[काष्ठ]] का पाचन करना होता है और इनके बिना दीमक जीवित नहीं रह सकती है|सकती।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
 
[[श्रेणी:सहजीवन|*]]