"आरज़ू (1999 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
दयाशंकर ([[अमरीश पुरी]]) लंदन, ब्रिटेन में रहने वाले एक अमीर [[प्रवासी भारतीय|एनआरआई]] हैं। उनकी एकमात्र बेटी पूजा ([[माधुरी दीक्षित]]) उनकी आंखों का तारा है। उनका जीवन पूजा और उनकी पत्नी पार्वती ([[रीमा लागू]]) के आसपास घूमती है। दयाशंकर अपने मृत मित्र के बेटे अमर ([[सैफ अली खान]]) का ख्याल भी रखते हैं। वह हमेशा यह चाहता है कि उनके गोद लिया हुआ पुत्र अमर और उनकी बेटी पूजा बड़े होकर एक-दूसरे से शादी करें। हालांकि, पूजा एक पायलट विजय ([[अक्षय कुमार]]) से प्यार में पड़ गई है। विजय से विवाह के इरादे से पूजा के पिता बहुत निराश हैं।
 
अमर और पार्वती के मनाने के बाद दयाशंकर शादी के लिए मान जाता है। विजय और पूजा की शादी हो जाती है। विजय का विमान एक हादसे का शिकार हो जाता है और विजय को मरा हुआ घोषित कर दिया जाता है। इस खबर से पुजा [[अवसाद]] में चले जाती है। पूजा को पता चलता है कि वो माँ बनने वाली है। दयाशंकर उसे अमर से शादी करने के लिए मनाता है ताकि उसके बच्चे को एक अच्छा पिता मिल सके।
 
कुछ सालों के बाद पुलिस बताती है कि विजय जीवित है और ठीक होने के बाद वो पूजा से मिलने यूके चला जाता है। पुजा उसे देख कर बहुत खुश होती है, पर वो पूजा और अमर की खुशहाल शादीशुदा जिंदगी को देख कर वो कुछ और समझ लेता है। उसे ऐसा लगने लगता है कि अमर ने योजना बना कर उसे मारने की कोशिश किया था, ताकि वो उसके मरने के बाद पूजा से शादी कर सके। वो अमर को मजा चखाने के लिए अमर के पिता को मारने वाला पुराना दुश्मन, कैलाशनाथ ([[परेश रावल]]) से हाथ मिला लेता है। वो अमर के फेक्टरी को आग लगा देता है और उसके बच्चे (जो असल में उसका अपना बेटा है) का अपहरण कर लेता है। पूजा उसे बताने की कोशिश करती है कि वो उसका बच्चा है और उसने केवल बच्चे को पिता का सहारा देने के लिए ही अमर से शादी की थी, पर विजय उसकी बातों को मानने से इंकार कर देता है। पुलिस इस बात का खुलासा करती है कि विजय के विमान की दुर्घटना अमर ने नहीं, बल्कि पूजा के पिता, दयाशंकर की चाल थी।
 
जब कैलाशनाथ उनके बच्चे को पकड़ कर फिरौती की मांग करता है तो दयाशंकर अपने किए कामों के बारे में बताता है और माफी मांगता है, और कहता है कि वो अपने नाती को वापस पाने के लिए कुछ भी दे सकता है। विजय को एहसास होता है कि उसकी पुजा और उसके परिवार के प्रति दुश्मनी व्यर्थ है और इसी के साथ वो दयाशंकर को भी माफ कर देता है और अमर को उसके बच्चे और पुजा की देखरेख करने के लिए धन्यवाद देता है।
 
अंत में कैलाशनाथ से बच्चे को वापस लेने के लिए विजय, दयाशंकर और अमर योजना बनाते हैं। वे सभी पुलिस की सहायता से कैलाशनाथ और उसके गैंग तक आ जाते हैं। कैलाशनाथ अमर पर कई बार गोली चलाता है और बच्चे को बचाने के लिए अमर सारी गोली अपने शरीर में ले लेता है। इसी बीच कैलाशनाथ को दयाशंकर गोली मार देता है। अंत में बच्चा उसकी कैद से बाहर हो जाता है, पूजा और विजय एक हो जाते हैं, लेकिन अमर की गोली लगने से मौत हो जाती है।
 
== मुख्य कलाकार ==