"तमसा": अवतरणों में अंतर

→‎पुराण-प्रसिद्ध तमसा: सरकार के जरिए किये हुए काम और बड़े बुजुर्गों के जरिए सुनी हुई बातें।
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वर्तमान में यह तमसा नदी [[अम्बेडकर नगर]] से निकलकर [[आज़मगढ़]] होते हुए बलिया जिले में गंगा में मिलती है। इसकी लम्बाई 89 कि०मी० है। आजमगढ़ में यह नदी तीन तरफ से बहती है। शहर नदी से तीन तरफ से घिरा है। शहर की सुरक्षा के लिए टौंस एडवान्स एवं शहर सुरक्षा बांध बना है।<ref>https://m.jagran.com/uttar-pradesh/azamgarh-9307908.html</ref>
 
तमसा का उल्लेख [[वाल्मीकि रामायण|वाल्मीकीय रामायण]] में [[अयोध्या]] के निकट बहने वाली छोटी नदी के रूप में हुआ है।<ref>श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण (सटीक), प्रथम भाग, अयोध्याकाण्ड-45-32; गीताप्रेस गोरखपुर, संस्करण-1996 ई०, पृष्ठ-303.</ref> वन जाते समय श्री राम लक्ष्मण और सीता ने प्रथम रात्रि तमसा-तीर पर ही बितायी थी। इससे स्पष्ट होता है कि रामायण तथा पुराणों में प्रसिद्ध तमसा यही है। वर्तमान में यह तमसा नदी अयोध्या ([[फैजाबाद जिला|जिला फैजाबाद]]) से लगभग 12 मील दक्षिण में बहती हुई लगभग 36 मील के बाद [[अकबरपुर]] के पास बिस्वी नदी से मिलती है तथा इसके बाद संयुक्त नदी का नाम टौंस हो जाता है, जो कि तमसा का ही अपभ्रंश माना गया है। तमसा नदी पर अयोध्या से कुछ दूर पर वह स्थान भी बताया जाता है जहां श्रवण कुमार की मृत्यु हुई थी। अयोध्या से लगभग 12 मील दूर तरडीह नामक ग्राम है जहाँ स्थानीय किंबदंती के अनुसार श्री राम ने वनवास यात्रा के समय तमसा को पार किया था। वह घाट अभी भी गौराघाटरामचौरा के नाम से विख्यात है। कहा जाता है यहाँ प्रभु श्री राम ने प्रथम विश्राम किया था कुछ वर्षों पहले सरकार द्वारा यहां पर कुछ कार्य करवाया गया था जो अब उपेछित है। यह टौंस नदी आजमगढ़ जिले में बहती हुई बलिया के पश्चिम में गंगा में मिल जाती है।<ref>ऐतिहासिक स्थानावली, विजयेंद्र कुमार माथुर, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, जयपुर, द्वितीय संस्करण-1990, पृष्ठ-391.</ref>
 
==इन्हें भी देखें==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/तमसा" से प्राप्त