"भारत की संस्कृति": अवतरणों में अंतर

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* यह संसार की '''प्राचीनतम''' संस्कृतियों में से एक है। '''भारतीय संस्कृति कर्म प्रधान संस्कृति है।''' [[मोहनजोदड़ो]] की खुदाई के बाद से यह [[मिस्र]], [[मेसोपोटेमिया]] की सबसे पुरानी सभ्यताओं के समकालीन समझी जाने लगी है।
 
* प्राचीनता के साथ इसकी दूसरी विशेषता '''अमरता''' है। [[चीनी संस्कृति]] के अतिरिक्त पुरानी दुनियादुनियfcvvfdchhjj
की अन्य सभी - मेसोपोटेमिया की सुमेरियन, असीरियन, बेबीलोनियन और खाल्दी प्रभृति तथा मिस्र ईरान, यूनान और रोम की-संस्कृतियाँ काल के कराल गाल में समा चुकी हैं, कुछ ध्वंसावशेष ही उनकी गौरव-गाथा गाने के लिए बचे हैं; किन्तु भारतीय संस्कृति कई हज़ार वर्ष तक काल के क्रूर थपेड़ों को खाती हुई आज तक जीवित है।
 
* उसकी तीसरी विशेषता उसका '''जगद्गुरु होना''' है। उसे इस बात का श्रेय प्राप्त है कि उसने न केवल महाद्वीप-सरीखे भारतवर्ष को सभ्यता का पाठ पढ़ाया, अपितु भारतभbbcxcbnmारत के बाहर बड़े हिस्से की जंगली जातियों को सभ्य बनाया, साइबेरिया के सिंहल ([[श्रीलंका]]) तक और मैडीगास्कर टापू, ईरान तथा अफगानिस्तान से प्रशांत महासागर के बोर्नियो, बाली के द्वीपों तक के विशाल भू-खण्डों पर अपनी अमिट प्रभाव छोड़ा।
 
* सर्वांगीणता, विशालता, उदारता, प्रेम और सहिष्णुता की दृष्टि से अन्य संस्कृतियों की अपेक्षा अग्रणी स्थान रखती है।