"वृन्दावन": अवतरणों में अंतर

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यह कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है। कालिदास ने इसका उल्लेख रघुवंश में इंदुमती-स्वयंवर के प्रसंग में शूरसेनाधिपति सुषेण का परिचय देते हुए किया है इससे कालिदास के समय में वृन्दावन के मनोहारी उद्यानों की स्थिति का ज्ञान होता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार गोकुल से कंस के अत्याचार से बचने के लिए नंदजी कुटुंबियों और सजातीयों के साथ वृन्दावन निवास के लिए आये थे। [[विष्णु पुराण]] में इसी प्रसंग का उल्लेख है। विष्णुपुराण में अन्यत्र वृन्दावन में कृष्ण की लीलाओं का वर्णन भी है।
 
== आये जाने वृन्दावन के बारे में ==
वृन्दावन(vrindavan) भक्ति(प्रेम ) और आध्यात्मिक तीर्थ स्थल की भूमि है वृन्दावन युगो युगो से अपने अंदर कितने आध्यात्मिक चमत्कारों को समेटे बैठा है यह कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है। कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ। फिर लालन-पालन वृंदावन में। लिहाजा यहां हर ओर कृष्ण समाए हुए हैं। हर ओर राधे-राधे है। हर ओर रसपूर्ण भक्तिभाव की यमुना है। जिस तरह गंगा उत्तर भारत के तमाम पवित्र स्थानों की जीवनदायिनी है, उसी तरह यहां यमुना जीवनदायिनी और पापनाशिनी है। माना जाता है कि यहां नहा लेने से आपके पाप नष्ट हो जाते हैं।
*[https://www.hamarivirasat.com/listing/vrindavan/ वृंदावन की हवाओं में कुछ अलग-सा कृष्णमय संगीत है]
 
वृंदावन वह जगह है जहां भगवान कृष्ण का बचपन गुजरा। जहां उन्होंने गोपियों संग रास किया। कृष्ण भारत में आनंद के भगवान भी हैं और जीवन में उमंग लाने वाले भगवान भी। यही कारण है कि वृंदावन में प्रवेश करते ही यहां के कण-कण में भक्ति और प्रेम का अहसास होने लगता है
 
== प्राचीन वृन्दावन ==
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*[http://vrindavan.brajwasi.in वृन्दावन की सम्पूर्ण जानकारी]
*[http://vrindavanresearchinstitute.org/Vri_org_hindi_html/index.html वृन्दावन शोध संस्थान]
*[https://www.hamarivirasat.com/listing/vrindavan/ वृंदावन की हवाओं में कुछ अलग-सा कृष्णमय संगीत है]
 
[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर]]