"धनानंद": अवतरणों में अंतर

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इनमें से घनानंद नौवां पुत्र था। जो नंदवंश का आगे चलकर उत्तराधिकारी बना।
 
जिसे इतिहास में बहुत ही अच्छाक्रुर , न्यायप्रियआततायी तथा प्रजापालकनिरंकुश शासक बताया गया है. अलग-अलग इतिहास कार अपने अपने पृथक तर्क से इनके कुशासन व सुशासन काल का वर्णन करते है नन्दवंश न्याय (नाई) शासक द्वारा स्थापित राजवंश था।
 
घनानन्द के राज दरबार मे उपयोग मे लायी जाने वाली गणिकाएं अधिकांशत: ब्राह्मण व क्षत्रिय होती थी॥ ( यह जानकारी "भारत की खोज" किताब मे उल्लेखित है) अत: इन करणो से भी उसे नाई क्रूर शासक बताया गया।घनानन्द काल मे बौद्ध धर्म अपनी चरम सीमा मे था, अत: बहुत सी किताबों मे घनानन्द एक स्वतंत्र व आधुनिक बौध धर्म से प्रेरित बताया गया है॥
 
[[श्रेणी:नन्द वंश]]