"देवदास (2002 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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+कहानी
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इस फिल्म को बनाने में कुल ₹50 करोड़ का खर्च आया और फिल्म रिलीज के समय ये [[बॉलीवुड]] की सबसे अधिक बजट वाली फिल्म थी। इसे [[हिन्दी]] के साथ साथ 6 अन्य भाषाओं में भी दिखाया गया। जिसमें [[अंग्रेजी़]], [[गुजराती]], [[फ्रांसीसी]], [[मंदारिन (चीनी)]], [[थाई भाषा|थाई]] और [[पंजाबी]] शामिल है।
 
== कहानी==
ये कहानी 1900 के दशक की है। कौशल्या को पता चलता है कि उसका छोटा बेटा, देवदास (शाहरुख खान) वापस घर आ रहा है। देवदास 10 साल पहले कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड गया था। उसके लौटने की खुशी में ये बात कौशल्या अपनी पड़ोस में रहने वाली सुमित्रा (किरण खेर) को भी बता देती है। इस खबर से वो भी खुश हो जाती है।
 
जब देवदास लौटता है तो पारो और उसके बीच की बचपन की दोस्ती प्यार में बदल जाती है। सभी को ऐसा लगता है कि उन दोनों की जल्द शादी हो जाएगी, लेकिन कौशल्या को देवदास की भाभी, कुमुद (अनन्या खरे) बताती है कि पारो एक नाचने वाली लड़की है और उसे मुखर्जी परिवार में शामिल करना ठीक नहीं होगा। सुमित्रा सभी के सामने अपनी इच्छा रखती है कि देवदास और पारो की शादी हो जाये, पर कौशल्या सभी के सामने इस रिश्ते से मना कर देती है और कहती है कि वे लोग निचले दर्जे के लोग हैं। सुमित्रा इस बेज्जती को सह नहीं पाती और पारो की शादी एक 40 साल के बुड्ढे से तय कर देती है, जो तलाक़शुदा और 3 बड़े बच्चों बाप है। वो ये शादी बस इस कारण तय करती है, क्योंकि उस बुड्ढे के पास मुखर्जी परिवार वालों से ज्यादा पैसे हैं।
 
 
 
== कलाकार ==