"नेत्रविज्ञान": अवतरणों में अंतर

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दृष्टिपटल पर जो छाया बनती है वह [[दृष्टि-तंत्रिका]] (opticnerve) से होती हुई मस्तिष्क में [[दृष्टिकेंद्र]] पर जाकर बनती है। यदि किसी प्रकार किरणें दृष्टिपटल पर इकट्ठी न होकर उसके सामने अथवा उसके पीछे इकट्ठी हों तो इसको [[वर्तनदोष]] (refractive error) कहते हैं, जो [[चश्मा]] लगाने से ठीक हो जाती है। यदि किरणें दृष्टिपटल के पीछे इकट्ठी हों, तो उत्तल लेंस लगाना चाहिए, जिससे किरणें और आगे ही दृष्टिपटल पर इकट्ठी हो जाएँ। इसी प्रकार यदि ये दृष्टिपटल के सामने इकट्ठी हों तो अवतल लेंस लगाना चाहिए, किरणें और दूरी पर इक्ट्ठी होकर छाया दृष्टिपटल पर बना सकें।
 
Manav natra ek prakarati ki anmol vastu jiske dwara hum apne aas pas ki vastuo ko dekte
== सन्दर्भ ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==