"छन्दशास्त्र": अवतरणों में अंतर
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===प्रस्तार के लिए केदारभट्ट के सूतर===
: ''पादे सर्वगुरावाद्याल्लघुं न्यस्य गुरोरधः ।
: ''यथोपरि तथा शेषं भूयः कुर्यादमुं विधिम् ॥ ६.२ ॥
: ''ऊने दद्याद् गुरूनेव यावत्सर्वलघुर्भवेत् ।
: ''प्रस्तारोऽयं समाख्यातश्छन्दोविचितिवेदिभिः ॥ ६.३ ॥
: pāde sarvagurau ādyāt laghu nasya guroh adhaH |
: yathā-upari tathā sesham bhūyah kuryāt amum vidhim ||
: ūne dadyāt gurūn eva yāvat sarve laghui bhavet ||
: prastāraH ayam samākhyātah chandoviciti vedibhih ||
==इन्हें भी देखें==
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