"बुंदेली भाषा": अवतरणों में अंतर

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[[बुंदेलखंड]] बुंदेलखंडी भाषा के प्रसिद्ध कवि अध्यात्मिक कविह्रदय लघुनन्दन जैन आए के निवासियों द्वारा बोली जाने वाली बोली '''बुंदेली''' है। यह कहना बहुत कठिन है कि बुंदेली कितनी पुरानी बोली हैं लेकिन ठेठ बुंदेली के शब्द अनूठे हैं जो सादियों से आज तक प्रयोग में आ रहे हैं। बुंदेलखंडी के ढेरों शब्दों के अर्थ [[बंग्ला]] तथा [[मैथिली]] बोलने वाले आसानी से बता सकते हैं।
 
प्राचीन काल में बुंदेली में शासकीय पत्र व्यवहार, संदेश, बीजक, राजपत्र, मैत्री संधियों के अभिलेख प्रचुर मात्रा में मिलते है। कहा तो यह‍ भी जाता है कि [[औरंगजेब]] और [[शिवाजी]] भी क्षेत्र के हिंदू राजाओं से बुंदेली में ही पत्र व्यवहार करते थे। ठेठ बुंदेली का शब्दकोश भी हिंदी से अलग है और माना जाता है कि वह [[संस्कृत]] पर आधारित नहीं हैं। एक-एक क्षण के लिए अलग-अलग शब्द हैं। गीतो में प्रकृति के वर्णन के लिए, अकेली संध्या के लिए बुंदेली में इक्कीस शब्द हैं। बुंदेली में वैविध्य है, इसमें [[बांदा]] का अक्खड़पन है और [[नरसिंहपुर]] की मधुरता भी है।
 
==बुंदेलखंडी बोले जाने वाले जिले==
*सागर