"कनिष्क": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 56:
[[File:Coin of Kanishka depicting Helios.jpg|thumb|300px|right|कनिष्क की स्वर्ण मुद्राएं, जिनमें यूनानी सूर्य देवता [[हेलिओज़]] का चित्र अंकित है। (ई. १२०).<br/>'''अग्र:''' कनिष्क भारी कुशाण अंगरखे व जूतों में सज्ज खड़े हुए, जिनके कंधों से ज्वाला निकल रही है, बाएं हाथ में मानक धारण किये हुए और वेदी पर आहूति देते हुए। यूनानी कथा ΒΑΣΙΛΕΥΣ ΒΑΣΙΛΕΩΝ ΚΑΝΗ''Ϸ''ΚΟΥ " कनिष्क का सिक्का, राजाओं के राजा "।<br/>'''पृष्ठ:''' हेलियोज़ यूनानी तरीके से खड़े हुए, बाएं हाथ से बैनेडिक्शन मुद्रा बनाए हुए। यूनानी लिपि में अंकित: ΗΛΙΟΣ ''हेलिओज़''। कनिष्क का राजचिह्न (''तमगा'') बायीं ओर।]]
 
कनिष्क की मुद्राओं में [[हिन्दूवैदिक देवी देवता|भारतीय हिन्दू]], [[यूनानी धर्म|यूनानी]], [[ईरानी लोग|ईरानी]] और [[सुमेरिया|सुमेरियाई]] देवी देवताओं के अंकन मिले हैं, जिनसे उसकी धार्मिक सहिष्णुता का पता चलता है। उसके द्वारा शासन के आरम्भिक वर्षों में चलाये गए सिक्कों में यूनानी लिपि व भाषा का प्रयोग हुआ है तथा यूनानी दैवी चित्र अंकित मिले। बाद के काल के सिक्कों में बैक्ट्रियाई , ईरानि लिपि व भाषाओं में, जिन्हें वह बोलने में प्रयोग किया करता था, तथा यूनानी देवताओं के स्थान पर ईरानी देवता दिखाई देते हैं। सभी कनिष्क के सिक्कों में, यहाम तक कि उन सिक्कों में भी जो बैक्ट्रियाई में लिखे हैं, एक संशोधित यूनानी लिपि में लिखे गये थे, जिनमें एक अतिरिक्त उत्कीर्ण अक्षर (Ϸ) है, जो 'कु''श''आण' एवं 'कनि''ष''क' में प्रयुक्त /š/ (''श'') दर्शाता है।
 
सम्राट कनिष्क के सिक्के में सूर्यदेव बायीं और खड़े हैं। बांए हाथ में दण्ड है जो रश्ना सें बंधा है। कमर के चारों ओर तलवार लटकी है। सूर्य ईरानी राजसी वेशभूषा में एक लम्बे कोट पहने दाड़ी वाले दिखाये गए हैं, जिसके कन्धों से ज्वालाएं निकलती हैं। वह बड़े गोलाकार जूते पहनते है। उसे प्रायः वेदी पर आहूति या बलि देते हुए दिखाया जाता है। इसी विवरण से मिलती हुई कनिष्क की एक मूर्ति काबुल संग्रहालय में संरक्षित थी, किन्तु कालांतर में उसे तालिबान ने नष्ट कर दिया।<ref>वुड (२००२), illus. p. 39.</ref>