"रामचन्द्र शुक्ल": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 42:
===मौलिक कृतियाँ===
तीन प्रकार की हैं--
* '''आलोचनात्मक ग्रंथ''' : [[सूर]], [[तुलसी]], [[जायसी]] पर की गई आलोचनाएं, [[काव्य में रहस्यवाद]], [[काव्य में अभिव्यंजनावाद]], [[रस मीमांसा]] आदि शुक्ल जी की आलोचनात्मक रचनाएं हैं।
* '''निबन्धात्मक ग्रन्थ''' : उनके निबन्ध [[चिंतामणि]] नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं। चिंतामणि के निबन्धों के अतिरिक्त शुक्लजी ने कुछ अन्य निबन्ध भी लिखे हैं, जिनमें [[मित्रता]], [[अध्ययन]] आदि निबन्ध सामान्य विषयों पर लिखे गये निबन्ध हैं। मित्रता निबन्ध जीवनोपयोगी विषय पर लिखा गया उच्चकोटि का निबन्ध है जिसमें शुक्लजी की लेखन शैली गत विशेषतायें झलकती हैं। क्रोध निबन्ध में उन्होंने सामाजिक जीवन में क्रोध का क्या महत्व है, क्रोधी की मानसिकता-जैसै समबन्धित पेहलुओ का विश्लेश्ण किया है।
* '''ऐतिहासिक ग्रन्थ''' : [[हिंदी साहित्य का इतिहास]] उनका अनूठा ऐतिहासिक ग्रंथ है।