"प्लेटो": अवतरणों में अंतर
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सुव्यवस्थित धर्म की स्थापना
पाश्चात्य जगत में सर्वप्रथम सुव्यवस्थित धर्म को जन्म देने वाला प्लेटो ही है। प्लेटो ने अपने पूर्ववर्ती सभी दार्शनिकों के विचार का अध्ययन कर सभी में से उत्तम विचारों का पर्याप्त संचय किया, उदाहरणार्थ- 'माइलेशियन का द्रव्य', '[[पाइथागोरस]] का स्वरूप', 'हेरेक्लाइटस का परिणाम', 'पार्मेनाइडीज का परम सत्य', 'जेनो का [[द्वन्द्वात्मक तर्क]]' तथा 'सुकरात के [[प्रत्ययवाद]]' आदि उसके दर्शन के प्रमुख स्रोत थे।
प्लेटो का मत
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