"अहिल्याबाई होल्कर": अवतरणों में अंतर
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राज्य की चिंता का भार और उस पर प्राणों से भी प्यारे लोगों का वियोग। इस सारे शोक-भार को अहिल्याबाई का शरीर अधिक नहीं संभाल सका। और 13 अगस्त सन् 1795 को उनकी जीवन-लीला समाप्त हो गई। अहिल्याबाई के निधन के बाद तुकोजी इन्दौर की गद्दी पर बैठा।
== देश में स्थान ==
स्वतंत्र भारत में अहिल्याबाई होल्कर का नाम बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है। इनके बारे में अलग अलग राज्यों की पाठय पुस्तकों में अध्याय मौजूद हैं। स्कूली बच्चे अहिल्याबाई के बारे में चाव से पढ़ते हैं और उन से प्रेरणा लेते हैं।
चूंकि अहिल्याबाई होल्कर को एक ऐसी महारानी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंनें भारत के अलग अलग राज्यों में मानवता की भलाई के लिये अनेक कार्य किये थे। इसलिये भारत सरकार तथा विभिन्न राज्यों की सरकारों ने उनकी प्रतिमायें बनवायी हैं और उनके नाम से कई कल्याणकारी योजनाओं भी चलाया जा रहा है।
== सन्दर्भ ==▼
ऐसी ही एक योजना उत्तराखंड सरकार की ओर से भी चलाई जा रही है। जो अहिल्याबाई होल्कर को पूर्णं सम्मान देती है। इस योजना का नाम [https://www.kanafusi.com/ahilyabai-holkar-bakri-palan-yojana/ ‘अहिल्याबाई होल्कर भेड़ बकरी विकास योजना] है।
अहिल्याबाई होल्कर भेड़ बकरी पालन योजना के तहत उत्तराखंड के बेरोजगार, बीपीएल राशनकार्ड धारकों, महिलाओं व आर्थि<ref>{{Cite web|url=https://www.kanafusi.com/ahilyabai-holkar-bakri-palan-yojana/|title=भेड़ बकरी पालन उत्तराखंड|last=|first=जमशेद आजमी|date=11/11/2018|website=Kanafusi|language=Hindi|archive-url=https://www.kanafusi.com/ahilyabai-holkar-bakri-palan-yojana/|archive-date=11/11/2018|dead-url=|access-date=}}</ref>क रूप से कमजोर लोगों को बकरी पालन यूनिट के निर्मांण के लिये भारी अनुदान राशि प्रदान की जाती है। लगभग 100000 रूपये की इस युनिट के निर्मांण के लिये सरकार की ओर से 91770 रूपये सरकारी सहायता रूप में अहिल्याबाई होल्कर के लाभार्थी को प्राप्त होते हैं।
<references />है।
अहिल्याबाई होल्कर भेड़ बकरी पालन योजना के तहत उत्तराखंड के बेरोजगार, बीपीएल राशनकार्ड धारकों, महिलाओं व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बकरी पालन यूनिट के निर्मांण के लिये भारी अनुदान राशि प्रदान की जाती है। लगभग 100000 रूपये की इस युनिट के निर्मांण के लिये सरकार की ओर से 91770 रूपये सरकारी सहायता रूप में अहिल्याबाई होल्कर के लाभार्थी को प्राप्त होते हैं।
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