"मर्सिया": अवतरणों में अंतर
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उर्दू में प्रसिद्ध मर्सिया लेखकों [[मीर बबर अली अनीस]], [[मीर मूनि]]स, [[मिर्जा सलामत अली दबीर]], [[मीर ज़मीर]], [[अली हैदर तबातबाई]] हैं। नज्म आफंडी, मीर नाफेस, मीर रईस, मीर कदीम, मीर आरिफ, सैयद हुसैन ताशुक, मीर इश्क, मोदेदाब किस्मतवी अदब लखनवी मोहजब लखनवी सैयद सज़ाद हुसैन "छायांकित" मोहम्मद अस्कारी "ज़ैद" सादिक़ हुसैन "शहीद", सैयद करार हैदर, सैयद यदुल्ला हैदर, नवाब बाकर अली "रवि लखनवी", अल्लामा डॉ। सय्यद अली इमाम जैदी "गौहर लखनवी" (मीर बबर अली के महान पोते "अनीस" कबीर "सैयद अब्बास हैदर मुज़्तर जौनपुरी, तैयब काज़मी, इशरत लखनवी, सैयद मोहम्मद अली" मोससीर जौनपुरी" इत्यादी हैं
एक प्रसिद्ध उर्दू कवि मीर बाबर अली अनीस ने सलाम
दक्षिण एशिया के उर्दू-प्रेमियों के लिए मीर अनिस मुहर्रम का एक आवश्यक तत्व बन गया है।
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मीर अनिस के बारे में पहली बड़ी और अभी भी महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति मुजना-ए-अनिस-ओ-दबीर (1907) थी जिसे शिब्ली नोमानी ने लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "अनीस के काव्य गुण और गुण किसी भी अन्य कवि से मेल नहीं खाते हैं"।
छन्नू लाल दिलगीर (सी 1780 - सी 1848) नवाब
گتبراۓگی زینب 'گھبراۓ گی زینب <br> بھیا تمہيں گھر جا کے کہاں پاۓ گی زینبؑ.
==आधुनिक काल==
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