"हीराकुद": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
हीराकुंंड भारत के उड़ीशा राज्य के संबलपुर जिले में [[इब]] और [[महानदी]] के [[संगम]] पर स्थित कस्बा है। इस स्थान की प्रसिद्धि का कारण [[हीराकुंंड बाँध]] है। यहाँ [[स्वर्ण]]धूल एवं [[हीरा]] भी प्राप्त होता है। महानदी [[छत्तीसगढ़]] के पठार से निकलकर पूर्व की ओर बहती हुई [[बंगाल की खाड़ी]] में गिरती है। जब सन् १९५६ में हीराकुद माँध का निर्माण हुआ तो इस कस्बे का नाम प्रसिद्ध हुआ।

== एशिया मे इसका रिकार्ड ==
वर्तमान समय में [[हिण्डाल्को]] (HINDALCO) आदि कुछ बड़ी कम्पनियाँ यहाँ स्थित हैं। हीराकुद की झील [[एशिया]] की सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील है। हीराकुद बाँध संसार के विशालतम तथा सबसे लम्बे बाँधों में से एक है। यह बाँध विद्युत उत्पादन तथा [[सिंचाई]] के काम आता है। यह पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र है।
 
== हीराकुुंड बांध का निर्माण कार्य ==
 
* हीराकुंड बाँध का निर्माण सन 1948 में शुरू हुआ था और यह 1953 में बनकर पूर्ण हुआ। वर्ष 1957 में यह बाँध पूरी तरह से कम करने लगा था।
* इस बाँध की लंबाई 4.8 कि.मी. है तथा तटबंध सहित इसकी कुल लंबाई 25.8 कि.मी. है।
* बाँध के तटबंध के कारण 743 वर्ग कि.मी. लंबी एक कृतिम झील बन गयी है। इसे 'हीराकुंड' कहते हैं।
* हीराकुंड बाँध में दो अलग-अलग जल विद्युत-गृह हैं। यह विद्युत-गृह 'चिपलिम्मा' नामक स्थान पर हैं।
* विद्युत-गृहों की कुल क्षमता 307.5 मेगावाट है। इस विद्युत-शक्ति का उपयोग उड़ीसा, बिहार, झारखंड में विभिन्न कारखानों तथा औद्योगिक इकाइयों में किया जा रहा है।
* बाँध से तीन मुख्य नहरें निकाली गयी हैं। दाहिनी ओर 'बोरागढ़ नहर' और बाईं ओर से 'सासन' और 'संबलपुर नहर'। इन नहरों से संबलपुर, बोलमगिरी, पुरी व कटक ज़िलों की सिंचाई होती है।[1]
* यह परियोजना 'राऊरकेला स्टील प्लान्ट' को विद्युत प्रदान करती है।
 
==इन्हें भी देखें==