"विद्युत जनित्र": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 10:
 
== सिद्धान्त ==
[[चित्र:Simpel-1-faset-generator.gif|right|thumb|300px|एक फेज वाले एक सरल जनित्र की कार्यविधि]]
फ़ैराडे का यह सिद्धांत निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है :
विद्युत जनित्र का कार्य, [[फैराडे का विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का नियम|फैराडे के विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के नियम]] पर आधारित है। यह सिद्धान्त निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है :
 
:'यदि कोई चालक किसी चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाए, तो उसमें एक वि.वा.ब. (विद्युत् वाहक बल) की उत्पत्ति होती है; और यदि संवाहक का परिपथ पूर्ण होने की दशाहो मेंतो उसमें धारा का प्रवाह भी होने लगता हैहै।'
 
इस प्रकार विद्युत् शक्ति के जनन के लिए तीन मुख्य बातों की आवश्यकता है :