"विधान परिषद": अवतरणों में अंतर

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===सदस्य कार्यकाल===
इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं।
एक राज्य के विधान सभा (निम्न सदन) के साथ इसके विपरीत, विधान परिषद (उच्च सदन) में एक स्थायी निकाय है और भंग नहीं किया जा सकता है,<ref>{{cite web| url= http://indiankanoon.org/doc/1295106/|title=Central Government Act Article 169 in The Constitution Of India 1949|trans_titletrans-title=भारतीय संविधान में अनुच्छेद 169 केंद्रीय सरकार अधिनियम| language = en }}</ref> विधान परिषद का प्रत्येक सदस्य (एमएलसी) 6 साल की अवधि के लिए कार्य करता है। एक परिषद के सदस्यों में से एक तिहाई की सदस्यता हर दो साल में समाप्त हो जाती है। यह व्यवस्था [[राज्य सभा]], के सामान है।
 
===संरचना===
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28 नवंबर 2013 को [[असम]] में विधान परिषद से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। तत्कालीन [[भारत के प्रधानमंत्री|प्रधानमंत्री]] [[मनमोहन सिंह]] की अध्यक्षता में हुई बैठक में [[केंद्रीय मंत्रिमंडल]] ने असम में विधान परिषद की स्थापना को मंजूरी दी। असम में आजादी के बाद ऊपरी सदन को खत्म कर दिया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक असम में 42 सदस्यीय विधान परिषद होगी।<ref>{{cite news|title=असम में विधान परिषद के लिए हरी झंडी|url=http://zeenews.india.com/hindi/news/state/green-signal-to-the-legislative-council-in-assam/196219|date=28 नवंबर 2013|accessdate=23 अप्रैल 2016|publisher=[[ज़ी न्यूज़]]}}</ref>
 
[[ओडिशा]] राज्य [[कर्नाटक]] और [[महाराष्ट्र]] में एक अध्ययन के आयोजन के बाद एक विधान परिषद की स्थापना करने की तैयारी कर रहा है।<ref>{{cite news|title=Odisha names members of committee on Vidhan Parishad study|url=http://www.business-standard.com/article/pti-stories/odisha-names-members-of-committee-on-vidhan-parishad-study-115010701150_1.html|accessdate=11 July 2015|agency=Business Standard|trans_titletrans-title=विधान परिषद अध्ययन पर ओडिशा ने सदस्यों के नाम दिए| language = en}}</ref>
 
==इन्हें भी देखें==