"भारतीय मानक समय": अवतरणों में अंतर

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२००१ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ४ सदस्य की समिति स्थापित की जिसका उद्देश्य समय मंडल तथा डेलाइट सेविंग के विषयों को जाँचना था। समिति के निष्कर्ष २००४ में संसद में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री कपिल सिब्बल, द्वारा प्रस्तुत किये गए जिसमे कपिल सिब्बल ने कहा कि "भारत के समय मंडलों को विभाजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
 
२०१४ में, असम के मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई ने असम तथा अन्य उत्तर-पूर्व राज्यों के लिए एक अलग समय मंडल की माँग की है परन्तु इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा कोई मंजूरी नहीं मिली है। <ref>{{वेब सन्दर्भ|url=http://www.thestatesman.com/mobi/news/35182-no-faulting-gogoi-s-proposal-for-new-time-zone.html|publisher=द स्टेटस्मान|language=अन्ग्रज़ीen}}</ref>
 
== समय सन्केत==