"कुछ तुम कहो कुछ हम कहें": अवतरणों में अंतर

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'''कुछ तुम कहो कुछ हम कहें''' 2002 की हिन्दी भाषा में बनी एक भारतीय फिल्म है। इसका निर्देशन रवि शंकर ने किया है। इस फिल्म में [[फ़रदीन ख़ान]] और [[ऋचा पल्लोद]] हैं। ये फिल्म सिनेमाघरों में 28 जून 2002 में प्रदर्शित हुआ।
 
==कहानी==
विष्णुप्रताप सिंह (विक्रम गोखले) गाँव में अपनी बीवी (फरीदा[[फ़रीदा जलाल]]) के साठसाथ अपना साठवां जन्मदिन मनाते रहता है। वो इस मौके पर अपने पराया जैसा हो चुके बेटे से भी बात करता है। जिसके बाद उनका पोता, अभय (फरदीन[[फ़रदीन खानख़ान]]) अपनी माँ और बहन के साथ आता है। वो अपने व्यवहार से सारे परिवार वालों का दिल जीत लेता है। इसी के साथ वो विष्णुप्रताप के दोस्त की पोती, मंगला ([[ऋचा पल्लोद]]) का दोस्त भी बन जाता है। पर जल्द ही उन दोनों की दोस्ती, प्यार में बदल जाती है। उसकी मुलाक़ात वीरेंद्र प्रताप (गोविंद नामदेव) से होती है और लड़ाई शुरू हो जाती है। विष्णु प्रताप उन दोनों की लड़ाई देख लेता है और अभय को थप्पड़ मार देता है।
 
अभय को पता चलता है कि रुद्र के गुस्से की वजह बहुत पुरानी है। उसे पता चलता है कि बहुत पहले वीरेंद्र प्रताप और विष्णु प्रताप बहुत ही करीबी दोस्त हुआ करते थे। विष्णु की शादी वीरेंद्र की बहन से हो जाती है और पच्चीस साल पहले अभय के पिता, इंद्रा की शादी वीरेंद्र प्रताप की भांजी से तय हुई थी। पर शादी से बचने के लिए उस दिन ही इंद्रा घर छोड़ कर भाग जाता है। इस वजह से वीरेंद्र की बहन को काफी अपमान सहना पड़ता है और वो ख़ुदकुशी कर लेती है। वीरेंद्र इसका जिम्मेदार उस परिवार के बेटे को ठहराता है। अभय ये सब जानकर परिवार को फिर से मिलाने की तैयारी में लग जाता है। पर वो अब भी अभय को मार कर अपनी बहन और पिता का बदला लेना चाहता है।
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* [[फ़रदीन ख़ान]] — अभय इन्द्र विष्णु प्रताप सिंह
* [[ऋचा पल्लोद]] — मंगला जयकुमार सोलंकी
* [[विक्रम गोखले]] — विष्णु प्रताप सिंह
* फरीदा[[फ़रीदा जलाल]] — मंगला दादी
* गोविंद नामदेव — वीरेंद्र प्रताप
* शरद कपूर — रुद्र प्रताप