"रामविलास शर्मा": अवतरणों में अंतर
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# समकालीन भारतीय साहित्य, अंक-167 (2013)
;समग्रता में विचार करने वाले दो अति महत्त्वपूर्ण/अवश्य पठनीय आलेख -
# '''अपने-अपने रामविलास''' - प्रणय कृष्ण
# ''''मैं' और 'वे' के बीच रामविलास शर्मा का ज्ञानकांड''' - अभय कुमार दुबे ('तद्भव'-26, अक्तूबर 2012; वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित अभय कुमार दुबे की पुस्तक 'हिंदी में हम' में '''हिंदी का ज्ञानकाण्ड''' शीर्षक से संकलित।)
== हिंदी जाति की अवधारणा ==
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