"बॉर्डर (1997 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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इस फिल्म की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित है। इस फिल्म में [[१९७१ का भारत-पाक युद्ध|१९७१ के भारत-पाक]] युद्ध के समय लड़े गए [[लोंगेवाला का युद्ध]] को विस्तार से समझाया गया है। फिल्म की कहानी 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान की लड़ाई से प्रेरित है जहाँ राजस्थान के लाँग्वला पोस्ट पर 120 भारतीय जवान सारी रात पाकिस्तान की टाँक रेजिमेंट का सामना करते हैं।
 
फिल्म 1971 के भारत-पाक युद्ध के एलान से पहले के दृश्य से शुरू होती है जहाँ मेजर [[कुलदीप सिंह चांदपुरी]] ([[सनी देओल]]) को 120 जवानों के साथ लोनगेवाला पोस्ट पर भेजा जाता है। वही दूसरी तरफ मेजर बाजवा ([[जैकी श्रॉफ]]) को जैसेलमेर में हवाई बेस बनाने का आदेश मिलता है। फिल्म आगे बढ़ते हुए जवानो के परिवारों की कहानी सुनाती है जहाँ धरमवीर ([[अक्षय खन्ना]]) की अँधी माँ है और उसकी (धरमवीर की) शादी होने वाली है, भैरव सिंह ([[सुनील शेट्टी]]) की सुहाग रात है, रतन सिंह ([[पुनीत इस्सर]]) के माता-पिता उसकी राह देख रहे हैं, मथुरा दास की पत्नी बीमार है और उसे छुट्टी चाहिए और कुलदीप सिंह की पत्नी उसके तबादले के लिए ज़ोर लगती है। फिल्म अलग अलग जगह से आए जवानो के बीच बनते रिश्तो पर भी नज़र डालती है।
 
अंतराल से पहले सभी पात्रों के परिचय के बाद फिल्म युद्ध पर केंद्रित होती है जिसे बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है। फिल्म की पटकथा दर्शकों को बाँधे रखती है और युद्ध के शुरू होने से पहले के संवाद दर्शकों में नयी जान डाल देती है। फिल्म का संगीत बेहद प्रेरित करने वाला है और दर्शकों ने बेहद पसंद किया है। गाने एक फ़ौजी के जीवन की दास्तान बयान करते हैं। हालाँकि बीच में फिल्म में प्रेम कहानी डालकर फिल्म को थोड़ा खींच दिया गया है जिससे दर्शक उब्ब से जाते हैं पर शुरुआत और अंत दर्शकों को बाँधे रखता है। फिल्म का अंत दुखद दृश्य पेश करता है और एक संदेश भेजने की कोशिश करता है।