"सौन्दर्य प्रसाधन": अवतरणों में अंतर

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आधुनिक काल में विशेष प्रकार के [[साबुन|साबुनों]] तथा अंगरागों का विस्तार और प्रचार शारीरिक सौंदर्यवृद्धि के लिए ही नहीं अपितु शारीरिक दोषोपचार के लिए भी बढ़ रहा है। अत: अंगराग के ऐसे औपचारिक प्रसाधनों को औषधियों से अलग रखने की दृष्टि से अमरीका तथा अन्य विदेशों में इन पदार्थों की रचना और बिक्री पर सरकारी कानूनों द्वारा कड़ा नियंत्रण किया जा रहा है। आजकल के सर्वसंगत सिद्धांत के अनुसार निम्नलिखित पदार्थ ही अंगराग के अंतर्गत रखे जा सकते हैं<ref>{{cite web|title=क्रूरता के दौर में देश बना पशु वत्सल|url=http://rajasthanpatrika.patrika.com/article/dd/43245.html |date=७ अप्रैल २०१४|accessdate=२५ सितम्बर २०१४|author=सोमाद्रि शर्मा |publisher=राजस्थान पत्रिका}}</ref>:
 
1.*(१) वे पदार्थ जिनका उपयोग शरीर की सौंदर्यवृद्धि के लिए हो, न कि इन प्रसाधनों के उपकरण। इस दृष्टि से कंघी, उस्तरा, दाँतों और बालों के बुरुश इत्यादि अंगराग नहीं कहे जा सकते।
 
2.*(२) अंगराग के प्रसाधनों में बाल धोने के तरल फेनक (शैंपू), दाढ़ी बनाने का साबुन, विलेपन (क्रीम) और लोशन इत्यादि तो रखे जा सकते हैं, किंतु नहाने के साबुन नहीं।
 
3.*(३) अंगराग के प्रसाधनों में ऐसे औपचारिक पदार्थों को भी रखा जाता है जो औषध के समान गुणकारक होते हुए भी मुख्यत: शरीर शुद्धि के लिए ही प्रयुक्त होते हैं, जैसे पसीना कम करने वाली प्रसाधन आदि।
नहाने के साबुन नहीं।
 
4.*(४) वे पदार्थ जो अनिवार्य रूप से मनुष्य के शरीर पर ही प्रयुक्त होते हैं, बालगृह और आमोद-प्रमोद के स्थानों इत्यादि को सुगंधित रखने के लिए नहीं।
3. अंगराग के प्रसाधनों में ऐसे औपचारिक पदार्थों को भी रखा जाता है जो औषध के समान गुणकारक होते हुए भी मुख्यत: शरीर शुद्धि के लिए ही
 
प्रयुक्त होते हैं, जैसे पसीना कम करने वाली प्रसाधन आदि।
 
4. वे पदार्थ जो अनिवार्य रूप से मनुष्य के शरीर पर ही प्रयुक्त होते हैं, बालगृह और आमोद-प्रमोद के स्थानों इत्यादि को सुगंधित रखने के लिए नहीं।
 
== वर्गीकरण ==