"अंकोरवाट मंदिर": अवतरणों में अंतर

छो 103.203.139.3 (Talk) के संपादनों को हटाकर Rashkeqamar के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
छो clean up AWB के साथ
पंक्ति 11:
|स्थान=कंबोडिया
}}
'''अंकोरवाट''' ([[खमेर भाषा]] : អង្គរវត្ត) [[कंबोडिया]] में एक मंदिर परिसर और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है,<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/magazine/855228/what-the-worlds-largest-hindu-temple-complex-can-teach-indias-size-obsessed-politicians|title=What the world’s largest Hindu temple complex can teach India’s size-obsessed politicians}}</ref> 162.6 हेक्टेयर (1,626,000 एम 2; 402 एकड़) को मापने वाले एक साइट पर। यह मूल रूप से खमेर साम्राज्य के लिए भगवान [[विष्णु]] के एक [[हिंदू]] [[मंदिर]] के रूप में बनाया गया था, जो धीरे-धीरे 12 वीं शताब्दी के अंत में [[बौद्ध]] मंदिर में परिवर्तित हो गया था। यह [[कंबोडिया]] के [[अंकोर]] में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट [[सूर्यवर्मन द्वितीय]] (१११२-५३ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह [[विष्णु]] मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः [[शंकर|शिव]]मंदिरों का निर्माण किया था। [[मीकांग नदी]] के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मंदिर आज भी संसार का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जो सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है।<ref>{{cite web |url=http://in.jagran.yahoo.com/news/opinion/general/6_3_4949236.html|title= नदियों का अर्थशास्त्र|accessmonthdayaccess-date=[[२३ फरवरी]]|accessyear= [[२००९]]|format= एचटीएमएल|publisher=जागरण|language=}}</ref>
राष्ट्र के लिए सम्मान के प्रतीक इस मंदिर को [[१९८३]] से कंबोडिया के राष्ट्रध्वज में भी स्थान दिया गया है। यह मन्दिर मेरु पर्वत का भी प्रतीक है। इसकी दीवारों पर [[भारत|भारतीय]] धर्म ग्रंथों के प्रसंगों का चित्रण है। इन प्रसंगों में अप्सराएं बहुत सुंदर चित्रित की गई हैं, असुरों और देवताओं के बीच समुद्र मन्थन का दृश्य भी दिखाया गया है। विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक होने के साथ ही यह मंदिर [[यूनेस्को]] के [[विश्व धरोहर स्थल|विश्व धरोहर स्थलों]] में से एक है। पर्यटक यहाँ केवल वास्तुशास्त्र का अनुपम सौंदर्य देखने ही नहीं आते बल्कि यहाँ का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं। सनातनी लोग इसे पवित्र तीर्थस्थान मानते हैं।
 
पंक्ति 27:
ख्मेर शास्त्रीय शैली से प्रभावित स्थापत्य वाले इस मंदिर का निर्माण कार्य सूर्यवर्मन द्वितीय ने प्रारम्भ किया परन्तु वे इसे पूर्ण नहीं कर सके। मंदिर का कार्य उनके भानजे एवं उत्तराधिकारी धरणीन्द्रवर्मन के शासनकाल में सम्पूर्ण हुआ। मिश्र एवं मेक्सिको के स्टेप पिरामिडों की तरह यह सीढ़ी पर उठता गया है। इसका मूल शिखर लगभग ६४ मीटर ऊँचा है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी आठों शिखर ५४ मीटर उँचे हैं। मंदिर साढ़े तीन किलोमीटर लम्बी पत्थर की दिवार से घिरा हुआ था, उसके बाहर ३० मीटर खुली भूमि और फिर बाहर १९० मीटर चौडी खाई है। विद्वानों के अनुसार यह [[चोल वंश]] के मन्दिरों से मिलता जुलता है। दक्षिण पश्चिम में स्थित ग्रन्थालय के साथ ही इस मंदिर में तीन वीथियाँ हैं जिसमें अन्दर वाली अधिक ऊंचाई पर हैं। निर्माण के कुछ ही वर्ष पश्चात चम्पा राज्य ने इस नगर को लूटा। उसके उपरान्त राजा जयवर्मन-७ ने नगर को कुछ किलोमीटर उत्तर में पुनर्स्थापित किया। १४वीं या १५वीं शताब्दी में थेरवाद बौद्ध लोगों ने इसे अपने नियन्त्रण में ले लिया।
 
मंदिर के गलियारों में तत्कालीन सम्राट, बलि-वामन, स्वर्ग-नरक, समुद्र मंथन, देव-दानव युद्ध, [[महाभारत]], हरिवंश पुराण तथा [[रामायण]] से संबद्ध अनेक शिलाचित्र हैं। यहाँ के शिलाचित्रों में रूपायित [[राम]] कथा बहुत संक्षिप्त है। इन शिलाचित्रों की शृंखला [[रावण]] वध हेतु देवताओं द्वारा की गयी आराधना से आरंभ होती है। उसके बाद [[सीता]] स्वयंवर का दृश्य है। [[बालकांड]] की इन दो प्रमुख घटनाओं की प्रस्तुति के बाद विराध एवं कबंध वध का चित्रण हुआ है। अगले शिलाचित्र में राम धनुष-बाण लिए स्वर्ण मृग के पीछे दौड़ते हुए दिखाई पड़ते हैं। इसके उपरांत [[सुग्रीव]] से राम की मैत्री का दृश्य है। फिर, [[बाली]] और सुग्रीव के द्वंद्व युद्ध का चित्रण हुआ है। परवर्ती शिलाचित्रों में अशोक वाटिका में [[हनुमान]] की उपस्थिति, राम-रावण युद्ध, सीता की अग्नि परीक्षा और राम की [[अयोध्या]] वापसी के दृश्य हैं। अंकोरवाट के शिलाचित्रों में रूपायित राम कथा यद्यपि अत्यधिक विरल और संक्षिप्त है, तथापि यह महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी प्रस्तुति [[आदिकाव्य]] की कथा के अनुरूप हुई है।<ref>{{cite web |url=http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rktha004.htm|title= शिला चित्रों में रूपादित रामायण|accessmonthdayaccess-date=[[२३ फरवरी]]|accessyear= [[२००९]]|format= एचटीएम|publisher=टीईआईएल|language=}}</ref>
 
==इन्हें भी देखें==