"आवर्त सारणी": अवतरणों में अंतर

छो clean up AWB के साथ
पंक्ति 26:
; खण्ड या ब्लॉक
संयोजक इलेक्ट्रानों के आधार पर तत्वों को 4 खण्डों में बाँटा गया है- s, p, d, f .
:: s-block – वर्ग 1 तथा 2 .
:: p-block – वर्ग 13 से 18 .
:: d-block – वर्ग 3 से 12 .
:: f-block – लैन्थेनाइड और ऐक्टिनाइड (Lanthanide and Actinide series).
: '''प्रतिनिधि तत्व''' (Representative Elements या Normal elements या Typical elements) – s-block और p-block के तत्वों को सम्मिलित रूप से
: '''संक्रमण तत्व''' (Transition Elements) – d-block के तत्व
पंक्ति 50:
अर्थात यदि तत्वों को परमाणु भार के वृद्धिक्रम में रखा जाय तो वो तत्व जिनके गुण समान होते हैं एक निश्चित अवधि के बाद आते हैं। मेंडलीव ने इस सारणी के सहारे तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के आवर्ती होने के पहलू को प्रदर्शित करने का प्रयत्न किया।
 
मैंडलीफ की आवर्त सारणी में कुल ८ वर्ग थे क्योंकि उस समय निष्क्रिय गैसों की खोज नहीं हुई थी। बाद में निष्क्रिय गैसों की खोज के पश्चात आधुनिक आवर्त सारणी में ९वें वर्ग को सम्मिलित किया गया। इस ९वें वर्ग को '''०''' (शून्य वर्ग) कहते हैं। वर्ग एक से आठवें वर्ग को रोमन अक्षर I, II, III, IV, V, VI, VII तथा VIII द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। नवें वर्ग को '''०''' द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।<ref>{{cite book |last=प्रसाद |first=चन्द्रमोहन |title= भौतिक एवं रसायन विज्ञान |year=जुलाई २००४ |publisher=भारती सदन |location=कोलकाता |id= |page=211|accessdayaccess-date= 2|accessmonth= जून|accessyear= २००९}}</ref> इसके विकास के अंतिम चरण में राग, वर्नर, बोहर और बरी आदि वैज्ञानिकों ने आवर्त सारणी का आधुनिकतम रूप बनाया जो वर्तमान तक चलन में है। इन्होंने मेंडेलिव की आवर्त सारणी में उपस्थित श्रेणियों को खत्म किया तथा वर्गो की संख्या को ९ से बढ़ाकर १८ किया। इसके बाद भी [[हाइड्रोजन]] का दो स्थानों पर होना और लेंथेनाइड और एक्टीनाइड तत्वों को सारणी में स्थान न होना दो मुख्य दोष अब तक हैं।
 
मेडलीफ द्वारा आवर्त सारणी प्रस्तुत करने के कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। [[१८१५]] से [[१९१३]] तक इसमें बहुत से सुधार हुए ताकि नये आविष्कृत तत्वों को उचित स्थान दिया जा सके और सारणी नयी जानकारियों के अनुरूप हो।