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|status = उत्तरी और उत्तरपूर्वी श्रीलंका में अधिपत्य और प्रशासन, 31 देशों में आतंकवादी संगठनों की सूची में
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'''लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम''' (अंग्रेजी - '''L'''iberation '''T'''igers of '''T'''amil '''E'''alamलिट्टे, संक्षेपतमिल: मेंதமிழீழ -விடுதலைப் '''LTTE'''புலிகள்) एक [[तमिल]] राष्ट्रवादी संगठन है । यह विश्व का एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन हैं जो श्रीलंका के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में दो दशकों से अधिक समय से सक्रिय था ।था। हिन्दी में इसका लघु नाम लिट्टे हैहै। । (लिट्टे, तमिल: தமிழீழ விடுதலைப் புலிகள்) के प्रमुख इसके संस्थापक [[वेलुपिल्लई प्रभाकरण]] हैं जिनको १८ मई २००९ के श्रीलंका सेना ने मार गिराने का दावा किया ।
 
इस संगठन को एक समय दुनिया के सबसे ताकतवर गुरिल्ला लड़ाको में गिना जाता था जिसपर भारतीय प्रधानमंत्री [[राजीव गांधी]] (1991), श्रीलंकाई राष्ट्रपति [[प्रेमदासा रनसिंघे]] (1993) सहित कई लोगों को मारने का आरोप था । भारत सहित कई देशों में यह एक प्रतिबंधित संगठन है ।
 
== स्थापना ==
इसकी स्थापना १९७५ में वेलुपिल्लई प्रभाकरण द्वारा हुई थी । उस समय कई तमिल युवा [[श्रीलंका]] सरकार की नीतियों से क्षुब्ध थे जो देश के तमिलों के प्रति उदासीन सी थी । प्रभाकरन ने ऐसे युवाओं का विश्वास जीत लिया और इस संस्था का गठन किया । उस समय वे छोटे छोटे अधिकारियों पर हमला करते थे, जैसे पुलिसकर्मियों या छोटे नेताओं पर । [[जाफ़ना]] के मेयर (महापौर) अल्फ्रेड डुरैयप्पा की हत्या उस समय उनके द्वारा अंजाम दी जाने वाली पहली बड़ी वारदात थी ।थी।
 
१९८४ में लिट्टे ने एक उग्रवादी मोर्चे की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की जिसके अन्य सदस्य भी तमिळ उग्रवादी समूह थे - तमिळ ईलम लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (अंग्रेज़ी में संक्षेप - टेलो), ईलम रेवॉल्यूशनरी ऑर्गेनाईजेशन ऑफ़ स्टूडेन्ट्स (छात्रों का स्वदेशी क्रांतिकारी संगठन, अंग्रेजी में संक्षेप - इरोस), पिपुल लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ तमिल ईलम (पी एल ओ टी ई) । इस मोर्चे का नाम रखा गया था - ईलम नेशनल लिबरेशन फ्रंट (स्वदेश मुक्ति मोर्चा) । लेकिन १९८६ में लिट्टे इस मोर्चे से बाहर निकल गया और उसने एक एक करके अन्य सदस्य संगठनों पर अपना अघिपत्य जमाना चालू कर दिया ।दिया। सबसे पहले इसने टेलो, जो कि उस समय श्रीलंका का सबसे बड़ा उग्रवादी निगम था, के सदस्यों तथा प्रशिक्षण शिविरों पर सशस्त्र हमला शुरु किया । किया। कुछ महीनों के भीतर ही टेलो के सभी बड़े नेता मारे या पकड़े गए और लिट्टे का प्रभुत्व स्थापित हो गया । इसके बाद इसने इपीआरएलएफ़ के सदस्यों पर हमला बोला जिससे उसे जाफ़ना प्रायद्वीप में अपनी गतिविधियां बंद करनी पड़ी ।पड़ी। इसके बाद एलटीटीई ने सभी तमिल लड़ाकों को एलटीटीई में मिल जाने को कहा । उस समय श्रीलंका मे छोटे-बड़े २० उग्रवादी संगठन कार्यरत थे, लगभग सभी ने लिट्टे की अधीनता या प्रभुत्व स्वीकार कर लिया । [[जाफना]] एक लिट्टे का दबदबा वाला शहर बन गया ।eeeeeeeगया।
 
== मुक्तिवाहिनी - भारत का हस्तक्षेप ==
[[तमिळ लोग]], जिनका प्रमुख निवास स्थान [[दक्षिण भारत]] का तमिलनाडू राज्य है, इस संघर्ष से परेशान होकर भारत में शरणार्थियों के रूप में आने लगे ।लगे। स्वदेशी तमिल नस्ल के लोगों उपर आए संकट और तमिल शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के बाद 1987 में भारत सरकार ने श्रीलंका की तमिळ समस्या को ''"सुलझाने"'' की कोशिश की ।की। भारतीय विमानों ने [[जाफना]] में खाने के पैकेट गिराए । इसके बाद भारत और श्रीलंका की सरकार ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए । इसमें तमिल उग्रवादियों को शामिल नहीं किया गया था पर अधिकांश चरमपंथी संगठनों ने इस समझौते का अनुसरण करने का मन बना लिया था । इस समझौते के तहत उत्तरी इपीआरएलएफ़ (Ealam People's Revolutionary Liberation Front, लिट्टे नहीं) के अधिकार वाले तमिळ प्रदेशों में एक हद तक स्वायत्तता दे दी गई और एक समिति का गठन किया गया जिसमें इआरपीएलएफ़ के तमिळ लोग शामिल थे । यह तय किया गया कि भारतीय मुक्तिवाहिनी सेना वहाँ जाएगी और तमिळ लोग हथियार डाल देंगे ।
 
पर इसमें एकमात्र बात ये रह गई कि लिट्टे (LTTE) को इपीआरएलएफ़ के प्रतिनिधियों की समिति का प्रमुख रास नहीं आया । उसने इसके लिए अपने तीन नुमाइन्दों की पेशकश की जिसे भारतीय सरकार ने ठुकरा दिया । इसका नतीजा ये हुआ कि अब लड़ाई एलटीटीई और भारतीय सेना के बीच छिड़ गई । भारतीय सरकार ने ये फैसला लिया कि वे लिट्टे को बलपूर्वक लाबंदूक करेंगे । भारतीय सेना ने [[ऑपरेशन पवन]] आरंभ किया जिसका यही उद्देश्य था । दो साल तक चल इस संघर्ष में एक समय भारतीय सेना के कोई 50,000 सैनिक श्रीलंका में थे । पर उनको नुकासन उठाना पड़ रहा था और श्रीलंका के मूल सिंहलियों को भी एक विदेशी सेना की उपस्थिति खलने लगी थी । श्रीलंका सरकार के निवेदन पर 1990 में भारतीय सेना श्रीलंका से बेनतीजा कूच कर गई ।
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== बाहरी कड़ियाँ ==
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{{साँचा:विश्व के प्रमुख आतंकवादी संगठन}}