"वसन्त पञ्चमी": अवतरणों में अंतर

→‎जन्म दिवस: ये लोग आगे जाते है।
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{{Infobox holiday
|holiday_name = वसन्त पंचमी
|type = hindu
|image = Raja Ravi Varma, Goddess Saraswati.jpg
|caption = देवी सरस्वती का चित्र,राजा रवि वर्मा द्वारा बनाया गया
|official_name = वसन्त पंचमी
|nickname = श्रीपंचमी<br />सरस्वती पूजा
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|litcolor = [[पीला]]
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|month = [[माघ]]
|date = [[माघ]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[पंचमी]]
|date{{#time:Y|last year}} = 28 जनवरी
|date{{#time:Y}} = 1 फरवरी<ref>{{cite web |url= http://news.drikpanchang.com/2013/01/vasant-panchami-2013-date.html |title=Updates on current Hindu religious affairs: Vasant Panchami - 14th or 15th Feb |first= |last=|work=news.drikpanchang.com |year=2013 |quote=Panchami Tithi is getting over at 09:05 a.m. on 15th February while it starts at 08:19 a.m. on 14th February |accessdate=1 फ़रवरी 2013}}</ref>
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|observances = [[पूजा]] व सामाजिक कार्यक्रम
|relatedto =amm ka patta
}}
 
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: ''प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु।''
 
अर्थात ये परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने सरस्वती से ख़ुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी और यूँ भारत के कई हिस्सों में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा होने लगी जो कि आज तक जारी है।<ref>{{cite web |url=http://www.rashtriyasahara.com/NewsDetailFrame.aspx?newsid=48471&catid=39&vcatname=%E0%A4%A7%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE-%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%A8|title=पर्व/बसंत पंचमी (11 फरवरी) : विघा और बुद्धि प्रदाता मां शारदा |accessmonthdayaccess-date=[[8 मार्च]]|accessyear= [[2008]]|format= |publisher=राष्ट्रीय सहारा|language=}}</ref> पतंगबाज़ी का वसंत से कोई सीधा संबंध नहीं है। लेकिन [[पतंग]] उड़ाने का रिवाज़ हज़ारों साल पहले चीन में शुरू हुआ और फिर कोरिया और जापान के रास्ते होता हुआ भारत पहुँचा।<ref>{{cite web |url=http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2004/02/040213_pakistan_kite.shtml|title=वसंत पर पतंग की उड़ान|accessmonthdayaccess-date=[[8 मार्च]]|accessyear= [[2008]]|format=एसएचटीएमएल |publisher=बीबीसी|language=}}</ref>
 
== पर्व का महत्व ==
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=== जन्म दिवस ===
'''राजा भोज पंवार''' का जन्मदिवस वसंत पंचमी को ही आता हैं। राजा भोज इस दिन एक बड़ा उत्सव करवाते थे जिसमें पूरी प्रजा के लिए एक बड़ा प्रतिभोज रखा जाता था जो चालीस दिन तक चलता था। <ref>{{cite web |url= http://delhipubliclibrary.in/cgi-bin/koha/opac-detail.pl?biblionumber=92037}}</ref>
 
वसंत पंचमी [[हिन्दी साहित्य]] की अमर विभूति महाकवि [[सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला']] का जन्मदिवस (28.02.1899) भी है। निराला जी के मन में निर्धनों के प्रति अपार प्रेम और पीड़ा थी। वे अपने पैसे और वस्त्र खुले मन से निर्धनों को दे डालते थे। इस कारण लोग उन्हें 'महाप्राण' कहते थे। इस दिन जन्मे लोग कोशिश करे तो बहुत आगे जाते है। ये लोग आगे जाते है।