"महबूब अली खान": अवतरणों में अंतर
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=== [[सती प्रथा]] के अभ्यास को खत्म करने में योगदान ===
निज़ाम VI, मीर महबूब अली पाशा हिन्दू महिलाओं की अपने पतियों के पीर में कूदकर अपनी जिंदगी देने वाली महिलाओं की कहानियां सुनार उदास हो गए थे।अभिलेखागार पत्रों के मुताबिक, निज़ाम का कहना है कि दुर्भाग्य लोग सरकारी घोषणाओं से अनजान हैं और केवल अज्ञानता के कारण आज भी "[[सती प्रथा|सती]]" अभ्यास करते हैं। इसलिए, उन्होंने अपने राज्य के कुछ हिस्सों में
निजाम ने स्वयं 12 नवंबर,1876 को एक '''चेतावनी घोषणा''' जारी किया और कहा, अब यह सूचित किया गया है कि यदि भविष्य में कोई भी इस दिशा में कोई कार्रवाई करता है, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। अगर तलुकादार, नवाब, जगदीड़, ज़मीनदार और अन्य इस मामले में लापरवाही और लापरवाही पाए जाते हैं, सरकार द्वारा उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी " <ref>{{Cite web|url=https://m.dailyhunt.in/news/india/english/deccan+chronicle-epaper-deccanch/letters+leave+a+rich+legacy+of+rulers-newsid-89750998|title=Letters leave a rich legacy of rulers|last=|first=|date=|website=| language = en|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
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